१)
न गए का ग़म
न आने वाले का ख़ैर-मक़दम
नए साल में
नई खाल में
जुज्झि करेंगे लोकपाल में
आरक्षण में ,संघवाद में,
संसद में सब नाच करेंगे
फिर से अपनी सुर-ओ-ताल में
३)
गए और नए
दोनों का आभार है,
गए ने जहाँ
कई नए मिलाए ,
नाकुछ रहे जो
वो अलगाए !
नए में सब पुराने रहेंगे,
चाहे नए जितने बनेंगे !
पुरनिया तो थाती हैं,पक्के संघाती हैं !
अब देखिये अपने अली साहब की दुआएं !
(३१/१२/२०११ को आखिरी आती हुई मेल में )
ना तो आज जिंदगी का कोई आख़िरी दिन है,
और ना ही कल पहला होने वाला है .
...बस दुआओं के ख्याल से
कुछ लम्हें फिक्स कर रक्खे हैं !
सो दुआ ये कि
आप खुशहाल-ओ-आबाद रहें
लम्हें आपके इशारे पर थिरकते रहें
और वक्त आपकी मुट्ठी में क़ैद रहे !!
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंग्यारह गया
जवाब देंहटाएंबारह का बजा बाजा
तेरह का बजने वाला है
सितारा
तारा बनेगा
चमकेगा
झिलमिलाएगा
फिर इसी तरह
धूल में मिल जाएगा।
मंगलकारी हो यह नया साल आपके लिए, नये-पुरनिये-साथी-संघाती सभी के लिये!
जवाब देंहटाएंनया साल मुबारक.
जवाब देंहटाएंमुबारक हो जी!
जवाब देंहटाएंआपकी, उनकी और सबकी दुआओं का असर
जवाब देंहटाएंहमको भी
कुछ कुछ हुआ है
आप बताइये
आपका क्या हुआ है?
मजा ले रहे हैं
नये साल का
आपके शहर में
क्या सूरज घोड़े पर चढ़ कर आया ?
यहाँ तो छाता लेकर
भींगते कांपते आया
...शुभकामनायें।
संतोष जी ,
जवाब देंहटाएंदेवेन्द्र जी ने कहा था कि उन्हें हूबहू कोट करके आपको शुभकामनायें दी जायें पर कापी करते वक़्त कुछ फर्क तो आ ही जाता है :)
उनकी दुआओं का असर
हमको भी
कुछ कुछ हुआ है
आप बताइये
आपका क्या हुआ है ?
मजा ले रहे हैं
नये साल का
आपके शहर में
क्या सूरज 'घोड़ी' पर चढ़ कर आया ?
यहां उसकी छातियां उफान पे हैं
बाहर भीगता कांपता
तूफ़ान जो है :)
इतना सब संभाल सकें तो शुभकामनायें ।
छाता के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ हो गया
जवाब देंहटाएंढूँढिये ढाल कवि जी कमेंट तलवार हो गया
@ क्या सूरज घोड़े पर चढ़ कर आया ?
जवाब देंहटाएंसूरज का तो पता नहीं,मैं ही गिरा पड़ा हूँ,
लगाम न रही हाथ में,किसी किसी पत्थर पे अड़ा हूँ !
@ क्या सूरज 'घोड़ी' पर चढ़ कर आया ?
घोड़ी-घोड़े सब निगोड़े हो गए,
चढ़ने वाले ही जब भगोड़े हो गए !!
@ ढूँढिये ढाल कवि जी कमेंट तलवार हो गया
जवाब देंहटाएंसाल की शुरुआत में ही ,तलवार निकाल ली,
क्या कहूँ इसके सिवा 'या अली,या अली ' !
आहाहा नयका साल का नयका मुबारकबाद कबूल फ़रमाइए हो मा स्साब
जवाब देंहटाएंहर साल आता है नया साल
जवाब देंहटाएंहर साल होता है फिर वही हाल ।
फिर भी शुभकामनायें दिल से
दे रहे हैं आपको सपरिवार, डॉ दराल ।
अनूपजी,अमरेन्द्र भाई,अविनाश जी,संतोष पाण्डेय जी,राहुल जी,अजय झा जी व डॉ.दराल साब.....आप सभी को अशेष शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंनववर्ष की ढेरों शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंनए वर्ष की हार्दिक बधाई.
कविताई से प्रारंभ हुआ नववर्ष खुदा खैर करे...
जवाब देंहटाएंपानी बुन्नी से भी शुरू हुआ नया साल ....
शिया सुन्नी चोटी चुन्नी
छेड़ें न कोई बात पुन्नी
शीला हो या मुन्नी
ना किसी की सुननी
बस अपनी ही धुननी
कैसी है रे तूं जननी
माँगना न कोई मंगनी
औ देना न कुछ अपनी
नया साल मुबारक!
प्रवीण पाण्डेय जी व कुसुमेश जी को भी नया साल धमाल भरा रहे !
जवाब देंहटाएं@ अरविन्दजी
जब तक आप नहीं आते ,सब कुछ सूना-सूना लगता है.गए साल में आप मिले थे ,नए साल में और हिल-मिल जाओगे.....!
आपको सपरिवार नया साल मंगलमय हो !
न गए का ग़म
जवाब देंहटाएंन आने वाले का ख़ैर-मक़दम
yahi satya hai.
नए साल का यह टिप्पणियों के बीच मुशायरा यूं ही चलता रहे!! हम भी आते रहेंगे!! सुर में ताल मिलाते रहेंगे!!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं!!
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंजितनी मधुर पोस्ट, उतनी मजेदार टिप्पणी.. अब और क्या चाहिए साल की शुरुआत के लिए!!
जवाब देंहटाएंजैसा भी हो बस अच्छा और हो आपका नया साल .....यही है हमारा हाल !
जवाब देंहटाएं@दीपक जी,उर्मी जी ,सलिल वर्माजी(२),प्रवीण जी का हार्दिक आभार एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंनववर्ष की अनंत शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंnav varsh ki bahut shubhkamnaye :)
जवाब देंहटाएंबढिया है. नववर्ष मंगलमय हो.
जवाब देंहटाएं@ सदाजी,मोनिकाजी और वंदना जी का आभार एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंआप खुशहाल-ओ-आबाद रहें
जवाब देंहटाएंलम्हें आपके इशारे पर थिरकते रहें
और वक्त आपकी मुट्ठी में क़ैद रहे !!
विचार कणिकाएं धर्म निरपेक्ष भारत सी रास आईं ,खूब भाईं .....
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंवीरु भाई और शिल्पा दी
जवाब देंहटाएंआप दोनों को भी शुभकामनाएँ !