16 सितंबर 2013

मोदी बनाम अडवाणी

मोदी के सर ताज है,अडवाणी कंगाल।
खुद का बोया काटते,काहे करें मलाल ?
काहे करें मलाल,बताया जिन्ना सेकुलर।
तिकड़म  सब बेकार, रहे ना हिन्दू कट्टर।
अब काहे रिरियांय,फसल जो पहले बो दी।
कट्टरता का खेत, काटने आए मोदी।।

 

11 टिप्‍पणियां:

  1. मोदी जी की चाल से,अडवाणी जी फेल|
    मजबूरी है क्या करे,वक्त दिखाता खेल|

    RECENT POST : बिखरे स्वर.

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  2. कट्टरता का खेत,जोतने आये मोदी...
    बढ़िया सामयिक पंगा !!

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  3. समय-समय का खेल है अब कैसा मलाल
    फसल कटे तब देखना दोनों होंगे मालामाल

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  4. राजनीति है बड़ी परायी,
    अपनी पौध, किसी ने खायी।

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  5. मोदी के सर ताज है,अडवाणी कंगाल।
    खुद का बोया काटते,काहे करें मलाल ?
    काहे करें मलाल,बताया जिन्ना सेकुलर।
    तिकड़म सब बेकार, रहे ना हिन्दू कट्टर।
    अब काहे रिरियांय,फसल जो पहले बो दी।
    कट्टरता का खेत, काटने आए मोदी।।

    बहुत बढ़िया कहा आपने त्रिवेदी संतोषजी -

    गौर इधर भी करें -

    कट्टरता का खेत जलाने आये मोदी ,

    चलता रहा क्या खेल बताने आये मोदी

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  6. मोदी का देखो मच गया है कितना हल्ला ,

    सावधान रहना तुम लल्ला ,

    बैठे सेकुलर घात लगाए ,

    इनसे बचके रहना लल्ला।

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  7. समय करे नर क्या करे समय समय की बात ,

    मोदी से जो भी भिड़े जमके खाए मात।

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  8. कितना अच्छा लिखा है आपने।
    बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति.हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |सादर मदन

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  9. प्राञ्जल - प्रवाह-पूर्ण प्रस्तुति |

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