26 फ़रवरी 2009

चुनावी चकल्लस!

लोकसभा चुनावों के नज़दीक आते ही हर राजनीतिक दल ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कांग्रेस सत्ता का सुख भोग रही है तो उसे उस सत्ता को बचाना है और भाजपा सत्ता को दूर किनारे से अपने पास लाना चाहती है। छोटे और क्षेत्रीय दल भी अपनी-अपनी गोटियाँ बिछाने में जुट गए हैं।
यूपीए सरकार औपचारिक चुनावी-कार्यक्रम के ऐलान से पहले दनादन राहतों के ऐलान किए जा रही है। यह सरकार बहुत जल्दी में है तथा यह भी जताना चाह रही है कि यदि विकास की गति को धीमा नहीं करना चाहते हो तो यथा-स्थिति में ही जनता की भलाई है। राहुल गाँधी को आगे करके युवा वोटरों को पटाने की मंशा साफ़ दिखाई देती है।
भाजपा तो कब से तैयार बैठी है। उसके पास दूल्हा भी है,ढोल -बाजे भी हैं पर साथ में बाराती कितने आएंगे यह नहीं पता चल रहा है। आडवाणी जी ने पूरा खाका खींच रखा है। 'अभी नहीं तो कभी नहीं' की तर्ज़ पर काम कर रहे हैं । अपना प्रचार केवल हिंदुस्तान में ही नहीं पाकिस्तान के अख़बारों में भी कर रहे हैं। 'ब्लॉग' लिख रहे हैं,वेब -
साईट चल रही है,युवा दिखने के लिए जिम जा रहे हैं। अरे भाई, अब इस बुढापे में और क्या -क्या करवाओगे ?
बाकी छोटे-मोटे दल और नेता भी अपनी-अपनी औकात के अनुसार भेंट-मुलाकात करके 'मार्केट-वैल्यू'' बढ़ा रहे हैं।अब आने वाला चुनाव ही सबको उनकी हैसियत बताएगा!

18 फ़रवरी 2009

अमर सिंग ते बच्यो!

भइया ,सुना है की अमर सिंग बहुत गुस्सा मा हैं । वी पतरकार भाइन के सामने अउतै एकदम ते फैलि गे। ज़ोर -ज़ोर से वी चिल्ला रहें हैं की एकु आदमी की वजा ते काम बेगडि जाइ । कांगरेस मा दिग्गी भइया ते वे एत्ता नराज़ हैं की पूछो ना। बस वी एकदम खौरिहानि घूमि रहे हैं , काहे ते दिग्गी भइया कहि देहेन हैं की सपा ते समझउता होय पर कांगरेस साफ़ होइ जाइ। अब यह नूरा कुश्ती आम आदमी कहाँ समझथ ?
तो हे भइया जब तक चुनाव नहीं होइ जात तब तक दिग्गी भइया का अमर सिंग ते बचिकै रहै क परी!

13 फ़रवरी 2009

पाक ने माना!

आज की सबसे बड़ी ख़बर यही है,
पाक ने माना है कि भारत सही है।
चैनल मुँह फाड़-फाड़ कर चिल्ला रहे हैं,
अब बचके कहाँ जाएगा पाकिस्तान?
अरे भाई इतनी चिल्ल-पों क्यों मचा रहे हो,
बचने के लिए उसके पास बचा ही क्या है?
थोड़े दिन ऐसे ही हल्ला होगा,
अमेरिका से रक़म लेगा,
तब तक हिन्दुस्तान में चुनाव हो लेगा।
फ़िर से नयी सरकार नए रिश्तों की बात करेगी,
लम्बी चादर तान कर सो जायेगी,
किसी नए हमले के इंतज़ार में !

12 फ़रवरी 2009

नया समाजवाद!

यू.पी .में मुलायम और अमर ने
समाजवाद की नयी परिभाषा गढ़ी है,
अपराधियों से गठजोड़,सरकार को ब्लैकमेल
अर्थात्,
किसी भी तरह सत्ता पाने की चाहत चढ़ी है।
मुलायम कहते है ,कुछ भी हो जाए
कल्याण को गले लगायेंगे,
जब तक अमर जैसे सलाहकार हैं
हम दुश्मनों की संख्या बढायेंगे!

10 फ़रवरी 2009

10-02-2009

'पाक को चाहिए और सूचनाएँ'-ख़बर
-दरअसल पाक को सूचनाएँ नहीं थोड़ा समय और चाहिए ,जिससे इस मुद्दे को ठंढे बस्ते में डाल दिया जाए!


'अमर सोनिया और मनमोहन पर बरसे'-ख़बर
-कोई नया समझौता या कोई 'डील' जल्द होने वाली है !


'हम आतंकवाद का सफाया करके रहेंगे'-सोनिया
-कम-से-कम आमचुनाव तक तो ऐसा ही माहौल लगता है !

9 फ़रवरी 2009

हे राम !

'हमने राम को कभी नही छोड़ा'-आडवाणी
- मगर अफ़सोस ,हमें रामजी ने ही छोड़ दिया!

'हम राम-मन्दिर ज़रूर बनायेंगे'-राजनाथ सिंह
-पर पहले आडवाणीजी की वेटिंग -लिस्ट' तो 'क्लियरहोने दो !(वैसे होगी नहीं यह हम भी जानते और चाहते हैं)

1 फ़रवरी 2009

कलियुग की सेनाएं !

हमारे देश में राम को भगवान्
और मर्यादा पुरुषोत्तम माना जाता है,
रामराज की परिकल्पना
एक अच्छा भाव जगाता है।

पर ,यह सब बीते दिनों की बातें लगती हैं,
अब तो भगवान् को भी राजनीति में घसीटा जा रहा है।
किसी दिन सुनाई देगा कि किसी शिवसेना,रामसेना ने ,
हमारे प्रभु को अपने दल में शामिल कर लिया है,
और प्रभु के भक्त यूँ ही देखते रह जायेंगे!
हमारा डर झूठा नहीं है ,
इसे हम समझाए दे रहे हैं;

त्रेता में राम की एक वानर सेना थी,
जिसने धर्म की लड़ाई भी न्याय से लड़ी ,
बुराई पर अच्छाई को जीत मिली,
पर उन्हीं राम के तथाकथित चेलों ने
शिवसेना और रामसेना बनाकर
सारे देश में ऊधम मचाया है,
मन्दिर-मस्जिद के नाम पर
हमारे मनों में रक्तबीज उगाया है।

अब तो सब कुछ उल्टा हो रहा है,
वानर सेना के वानरों ने उत्पात मचाने के बजाय ,
अनुशासन से काम लिया था,
पर आज शिव तथा राम के नाम पर बनने वाली सेनाएं
बंदरों जैसा काम कर रही हैं ,
और हाँ ,वह इसी तरह अपने धर्म को बचा रही हैं ।
इनसे तो वे इंसान-नुमा जानवर ठीक थे !

काश !यह बात ,
इन कलियुगी सेनाओं के जानवर- नुमा इंसान समझ पाते!