25 जून 2012

मुनव्वर राना की शायरी और हम लोग !

कल का दिन हमारी ज़िन्दगी का एक यादगार दिन रहा.परसों अविनाश वाचस्पति जी का फ़ोन आया कि रविवार को 'एनडीटीवी' के 'हम लोग' कार्यक्रम के लिए निमंत्रण आया है,चलना है तो बताओ.मैंने सहर्ष स्वीकृति दे दी और साथ ही मित्र शाहनवाज़ सिद्दीकी और सानंद रावत जी से चलने के लिए कहा तो वे लोग भी तैयार हो गए.कल करीब ग्यारह बजे हम स्टूडियो पहुँच गए.सभी को केवल मुनव्वर राना से मिलने की बेताबी थी.मेरे लिए अतिरिक्त खुशी थी कि वे मेरे गृह जनपद के ही हैं ! दुर्भाग्यवश अस्वस्थता के चलते अविनाशजी तो नहीं आ पाए पर हम तीनों लोग वहाँ डट गए.


रवीश कुमार जी कार्यक्रम की शुरुआत करें ,इससे पहले ही मुनव्वर जी ने अपने अंदाज़ में चुटकियाँ लेनी शुरू कर दी थीं.पैर में दिक्कत की वज़ह से चार महीने से वे अस्पताल में थे,पर अपनी इस तकलीफ को उन्होंने बड़ी सहजता से लिया.कार्यक्रम शुरू होने पर पहले आध घंटे उन्होंने तरह-तरह के किस्से सुनाये और माँ ,सियासत.मोहब्बत आदि पर शेरो-शायरी सुनाई ! इस कार्यक्रम को विस्तार से यहाँ सुन सकते हैं !




कार्यक्रम के दौरान हमें भी एक सवाल पूछने का मौका मिला,जिसमें मैंने पूछा कि आपको सियासत व सरोकार में सबसे अधिक दिल किस पर शायरी करने का होता है तो उन्होंने बेलौस होकर कहा कि हम शायरी तभी करते हैं जब दिल कहता है | इस तरह कार्यक्रम की समाप्ति के बाद उनसे मिलने के लिए लोग टूट पड़े.हमने उनसे चरण छूकर आशीर्वाद लिया .सबने फोटो भी खिंचवाई. इसके बाद हम सब अविनाशजी के यहाँ उनके हाल लेने गए और शाम को पहली बार अपने को टीवी पर चमकते हुए देखा !



अब देखिये कई दृश्य :

रवीश कुमार कार्यक्रम संचालित करते हुए




मुनव्वर जी माँ को याद करते हुए





दर्शकों के बीच हम


शाहनवाज़ और सानन्दजी के साथ



ज़बरिया हम उनके साथ बैठ ही गए !




34 टिप्‍पणियां:

  1. फोटो बहुत सुंदर है जी
    ऐसे यादगार दिन कभी कभी ही आते है संतोष जी
    .....बहुत बहुत बधाई आपको

    @ संजय भास्कर

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  2. मुनव्वर राना जी के साथ यादगार पल बिताने के लिए,बहुत२ बधाई,,,,,

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  3. सुना। रवीश ने जिस शेर से (बर्तन-आईएसाई वाला) शुरुआत की वह बहुत जमा नहीं, पत्र्कारों के साथ यही समस्या है कि वे अपनी काहिली के चलते बेहतर लाने का यत्न नहीं कर पाने। चलताऊ चीजें ज्यादा पकड़ते हैं। बाकी ठीक। आभार!

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  4. जबरिया / ठंस कर तो हम भी देख लेते प्रोग्राम , मगर कमबख्त बिजली गोल हो गई !

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  5. अब टीवी ध्यान से देखनी पड़ेगी। पता नहीं कौन अपना वहाँ बैठे सवाल पूछ रहा हो!:)

    एक बार हम भी मुनव्वर राना के आने की खबर सुनकर पूरी रात जगते रहे मुशायरे की मजलिस में। पहुँचते ही मालूत तो हो ही गया था कि वे नहीं आ पायेंगे लेकिन दोस्तों ने घर जाने ही न दिया। आप सौभाग्य शाली रहे..बधाई।

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  6. खुशियां बांटने से ही बढ़ती हैं। जिनकी बत्‍ती चली गई थी, वे बत्‍ती के लौटने पर उपर दिए गए लिंक को चलाकर पूरे कार्यक्रम का आनंद ले सकते हैं। हमने तो खैर सीधे ही लिया था। जय हो हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग के सुनहरे पलों की।

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  7. सुन्दर है! मुनव्वर राना को सुनना हमेशा अच्छा लगता है।

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  8. बधाई हो! आप तो फेमस हो गये!

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  9. मैं इलाहाबाद में था तो त्रिवेणी महोत्सव के मुशायरे में मुनव्वर राणा को सुनने के लिए देर रात तक इन्तजार करता था क्योंकि उनकी बारी सबसे अन्त में आती थी। लेकिन उनके नगीने जड़े शेरों के लिए पहले के तमाम शौरा को बर्दाश्त कर लेते थे। राहत इन्दौरी भी अन्त में ही आते थे।

    आपने इस बेजोड़ सख़्शियत का नजदीक से दीदार किया और फोटुएँ खिंचवा ली तो बधाई भी रसीद कर देता हूँ।

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  10. आख़िर खिचवा ही लिया फोटो बधाई हो

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  11. पूरा कार्यक्रम सुना। मुनव्वर जी ने दिल को छू लिया!

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  12. मुनव्वर जी की माँ को समर्पित कविता पर बहुत लोगों को आंसू बहाते देखा है ...
    शायरी के इस बादशाह से मिलने और टी वी पर नजर आने की बहुत बधाई !

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  13. जोरदार -ऐसी एक महफ़िल जिसमें शरीक होने पर मुझे आपसे ईर्ष्या हो आयी है !

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  14. राय बरेली का जमा, दिल्ली में जो रंग |
    जमी मुनौव्वर शायरी, एन डी टी वी दंग |
    एन डी टी वी दंग, अजी संतोष त्रिवेदी |
    आया किसके संग, इंट्री किसने दे दी |
    कहाँ मित्र अविनाश, स्वास्थ्य कैसा है भाई ?
    श्रेष्ठ कलम का दास, स्वस्थ हो, बजे बधाई ||

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  15. बहुत खूब... उपलब्धि है यह तो

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  16. बधाई सहित शुभकामनाएं

    कल 27/06/2012 को आपकी इस पोस्‍ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.

    आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


    ''आज कुछ बातें कर लें''

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  17. राना साहब को शाम को सुनेंगे . अभी तो अपने इस्टार बिलोगर्स को टी वी पर देख कर आनंदिया रहे हैं . :)

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  18. हां, गमछा भी संग ले गए.... बढिया है.

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  19. मुन्नवर जी के सानिध्य में एक बार दुबई में मुझे भी बैठने का मौका मिला है ... उनका अंदाज़ ... उनकी दिल कों छूती शायरी ... बोलने का प्रभावशाली अंदाज़ ... उठने नहीं देता उनके पास से ....

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  20. गोया जे तो सेलिब्रिटी हो गये मियां आप । जम जम के फ़ोटूं खिंचवाई हैं कैमरे से टीवी तक पर जंच रहे हैं माट साब ।

    इसकूल के बचवन खुश होंगे सो अलग । मुनव्वर राना जी से भेंट मुलाकात ..कहिए कि एक यादगार दिन जुड गया आपके जीवन में । बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं जी

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  21. अरे वाह... यह तो बहुत बढ़िया-बढ़िया फोटू लगाए हैं उन यादगार पलों के.... मान गए मास्टर साहब!!!!!!

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  22. आपके जीवन की सुंदर स्मृतियों में से होगी मुलाकात ...जानकर अच्छा लगा ...

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  23. मुनव्वर राणा जी को पहली बार सुना. उर्दू शेरो शायरी से कभी उतना वास्ता नहीं पड़ा. कभी किसी उर्दू शायरी से सीधा सामना नहीं हुआ. मैं शुक्रगुजार हु , अरविन्द वाचस्पति जी, एवं अपने छोटे भाई संतोष त्रिवेदी जी का ,जिन्होंने मुझे ये खूबसूरत मौक़ा दिया. मुनव्वर राणा जी के बिलकुल सामने बैठकर सुनना इतना आनंद दायक था की मैं सिर्फ उनकी शायरी मैं डूब के रह गया . मुझे ये भी नहीं पता की मैने ताली बजाई ,की नहीं बजाई. बाद मैं अरविन्द जी और अनेक मित्रो के फ़ोन और सन्देश मिले की कहा डूबे रह गए . किसी टीवी स्टूडियो मैं बैठने का पहला मौक़ा था. और वो भी मुनव्वर राणा जी के सामने . पहले प्यार की तरह हमेशा दिल मे स्थान बना चुका है, ये खूबसूरत मिलन. मै मंत्रमुग्ध था, ये पता ही नहीं चला की कब शुरू हुआ और कब ख़त्म हो गया . सच मानिए , वहा से उठना बिलकुल अच्छा नहीं लगा. मैं शुक्रिया अदा करना चाहूँगा शाहनवाज सिद्दीकी जी का ,जिन्होंने मेरा अकाउंट ब्लॉगर मै खोला, अरविन्द वाचस्पति जी के घर मे, जहां संतोष त्रिवेदी जी भी उपस्थित थे. मुनव्वर राणा जी को नमन.

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  24. goswamiji aur maine aaj sunday 22 july ko NDTV pr programme dekha. main chillai 'jaanajee! ye santoshji,ye shanwaz ji ye .......unko to main jantiich nhi hmmmm saanand ji -ye hmare hain sb -blogger-hain.pr....ei santu da! jra gamchha to ghr hi chhodkr jate dusht ! studio me A.C. nhi lge the kaa? pr babuaa hero ho gye. ha ha ha jio jio. dilli me rhte ho.aaye din aaya kro n

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  25. मैंने तो उपरोक्त वीडियो तो यू टुब पर एक-दो दिन पहले ही सुना है.
    http://youtu.be/VSriP_83qAk
    मैंने अनेक बार श्री मुनव्वर राणा जी को नेट पर सुना है. एक बार "सब टी.वी." पर "वाह, वाह क्या बात है" पर भी सुना है. लेकिन इस वीडियो में आपको देखकर बहुत अच्छा लगा और उपरोक्त पोस्ट में यह पढकर ही पता चला कि हमारे एक अन्य दोस्त शाहनवाज़ सिद्दीकी जी वहाँ पर थें.

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  26. वामपंथियों की जमात और जेहादियों की शायरी ...

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