घरवाली हमते समझदार,
पढ़ि-लिखि के भकुआ बने यार !
वी घर का काम लेहेन मूँड़े
हम बाहर घूमि-घामि आई,
मोबाइल अउ कम्पूटर ते
जइसे हमारि भै होय सगाई !
लड़ते-झगड़ते हो गए बाइस बरस |
जब द्याखो बात सुनावैं चार
पढ़ि-लिखि के भकुआ बने यार !
कपड़ा-लत्ता ,बरतन-चउका
खाना-पीना ,उनके जिम्मे,
ना कहीं घूमना,बाहर खाना
पूजा, बरत निभावैं रस्में !
हमही लरिकन के गुनहगार,
पढ़ि-लिखि के भकुआ बने यार !
अब पूरे बाइस बरस बीते
वी झेलि रहीं हमरी संगति,
'सत्ती होइ गईंन तुम्हैं साथै'
हमरी घरवाली रोजु कहति !
हमहीं यहि घर के बंटाधार ,
जय हो..
जवाब देंहटाएंप्रिय संतोष जी ,
हटाएं(१)
और तो सब ठीकै है पत्ति जी पर सत्ती पर हमारी आपत्ति नोट करें !
(२)
भाभी के सामने खुद को भकुआ कहना ! स्वयं के घर में आपकी पोलिटिक्स समझ रहा हूं मैं !
(२) यह तो मुझे भी लग रहा है ....
हटाएंअली साब
हटाएं१)आपकी टीप आपत्ति है या विपत्ति.....?
सतीश जी,आप तो ऐसे न थे...!
हटाएंबहुत बहुत शुभकामनाएं -
जवाब देंहटाएंझेलते रहो एक दूसरे को-
फिर भी आपके लिए-
बाइस पसेरी में बिका, भैया सारा धान |
रचो सुरक्षित बाइसी, करो सती-गुणगान |
करो सती-गुणगान, मान लो उनका कहना |
बाई ना चढ़ पाय, करो अब बंद उलहना |
अगर अकेला पाय, कहीं जो अधिक सताइस |
बैसवार से आय, धमकिहैं साले बाइस ||
बहुत बढ़िया रविकर जी...आगाह किये हैं तो हम ख़बरदार हो गए !
हटाएंघरवाली हमते समझदार,
जवाब देंहटाएंपढ़ि-लिखि के भकुआ बने यार !
लिखने के बहाने ही सही,घरवाली को समझदार माना तो सही,....
MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बेटी,,,,,
शुक्रिया धीर भाई !
हटाएंपरिणय बाईसवीं पर दूनौ जनों को हमारी बहुत बहुत शुभकामनाएं!एक क्लोज अप शाट लगाना था न ....
जवाब देंहटाएंअपनी भी शुभकामनायें :)
हटाएंक्लोज-अप शॉट के ख़तरे भी बड़े हैं !
हटाएंशुभकामनाएं। ऐसे कई बाईस वर्ष आएं, यही दुआ है...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दीपिका जी....!
हटाएंबहुत बहुत बधाई !! और आपकी श्रीमती जी के साहस और धैर्य को प्रणाम !!! ;))
जवाब देंहटाएंकाहे को आग लगा रही हो हमरी गिरस्ती मा...?
हटाएंआभार !
सौतन घर लाये भकुआ गये सैंया
जवाब देंहटाएंबाईस बरष में बिलाय गये सैंया।
कम्प्यूटर से कीन हैं दूजी सगाई
अपने बिलाग मा हिराय गये सैंया।
हम कहे तनी आज बैठो पास में
फिर हमका झूठ पढ़ाय गये सैंया।
........................ :)
हमने कह दिया, जो भाभी श्री न कह पायें
बाइसवीं साल गिरह की अशेष शुभकामनायें।
देवेंद्रजी,आपने तो पूरा रंग जमा दिया...उनकी तरफ से !
हटाएंआभार !
22 में 5 का गुणा करके जो संख्या आती है उतनी बधाईयां स्वीकारें हमारी ओर से।
जवाब देंहटाएंअब तो बाइस का पहाड़ा भी भूल गए हैं जी !
हटाएंआपकी भाषा में टिप्पणि दे नहीं सकता पर रचना काफ़ी रोचक लगी।
जवाब देंहटाएं...मैं आपके भाव समझ गया जी !
हटाएंआभार
बाईस बरस का साथ प्रिये,
जवाब देंहटाएंतुम गृहलक्ष्मी हम घूमें फिरें
तुम ताजमहल को छोड़ आज
इंडिया गेट संग संग आयीं.
तुमरे कारण इस जीवन में
आई जैसे रस की फुहार,
सीधी-सादी दुल्हिन, अऊर हम
पढ़ि-लिखि के भकुआ बने यार !
/
माट्साब! परमात्मा जुगल जोडी बनाए रक्खे!!
सलिल जी ,
हटाएंकाहे की जुगल जोड़ी ?
यहां तो सारा मामला पति पत्नि और वो का है :)
सलिलजी,क्या मारा है !
हटाएंअली साब ने सही पकड़ा है !
अली सा.
हटाएंसमझा करें..
सुबह सुबह एक दोस्त मिला तो हमने "कहा"- और कैसे हो?
उन्होंने "जवाब दिया" - आज खुलासा नहीं हुआ!
अब हम तो जुगल जोडी की ही बात करेंगे!! एक समय में एक जोडी!!!
तीतर के दो आगे तीतर - तीतर के दो पीछे तीतर!! :))))
बधाइयाँ जी बधाइयाँ ... ;-)
जवाब देंहटाएंएक बार ही दे देते इत्ती कहाँ धरेंगे...?
हटाएंआभार
बाईस बरस की बहुत बहुत बधाई भाई ।
जवाब देंहटाएंबहुते बढ़िया रचना लिखे हैं ।
रचना तो कामचलाऊ है,आभार आपका !
हटाएंबहुत बहुत बधाई....शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंशुक्रिया मोनिका जी !
हटाएंबधाई हो जी! भकुआ का अर्थ क्या होता है?
जवाब देंहटाएंयह तो वही बताएँगे जो हमें मानतें हैं !
हटाएंबहुत बधाई एवं शुभकामनायें ...!!
जवाब देंहटाएंआभार अनुपमा जी...!
हटाएंबधाई हो .ऐसी ही अंडरस्टैंडिंग बनी रहे !
जवाब देंहटाएंउम्मीद नहीं गारंटी है...यह जोड़ टूटेगा नहीं !
हटाएंआभार !
संतोष की बात है :)
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ लीजै!!
सुज्ञ जी,यहाँ संतोष की ही बात है,जब अली साब की बात होगी तब फिर से भिड़ा जायेगा !
हटाएंआभार !
बहुत बधाई और शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंआभार वाणी जी !
हटाएंभाभी जी को, आपकी तरफ से कहे यह शब्द, याद आ गए ..
जवाब देंहटाएंअपने घर की तंग गली में !
मैंने कब चाहा बुलवाना ?
जवां उमर की उलझी लट को
मैंने कब चाहा, सुलझाना ?
मगर मानिनी आ ही गयी अब, चरण तुम्हारे ,धोते गीत !
स्वागत करते,निज किस्मत पर, मंद मंद मुस्काते गीत !
हार्दिक बधाई आप दोनों को ....
भाई जी,बहुत बढ़िया फ़रमाया है,आभार !
हटाएंघरवाली हमते समझदार,
जवाब देंहटाएंपढ़ि-लिखि के भकुआ बने यार !
HA HA HA HA
http://blondmedia.blogspot.in/
आभार....आप अभी नहीं बने हो का...?
हटाएंबधाई हो, भकुआ होने की नहीं. बाईस वर्ष पूरे होने की. हमारे बाऊ अक्सर हमारे भाई को भकुआ कहते थे. सहसा याद करके हँसी आ गई :)
जवाब देंहटाएं...चलो किसी बहाने तो हँस लिए !
हटाएंआभार !
BADHAI HO !
जवाब देंहटाएंEK BAT BATAIYE YE KAVITA BHAKUAANE KE PAHLE LIKHI YA BAD ME ?
कविता लिखी थी भकुआने के बाद......जब अक्ल आई !
हटाएंआपको बधाई...उन्हें शुभकामनाएँ........
जवाब देंहटाएं:-)
बार बार दिन ये आये...........................
सादर.
आभार अनुजी !
हटाएंशादी की सालगिरह पर आपको बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंशुक्रिया संगीता जी !
हटाएंज्ञान का कुआं बनने से भकुआ बनना अधिक ठीक लगता है।
जवाब देंहटाएंभकुआ शब्द की उम्र बतलाएं।
क्या भकुआ शब्द भरे कुंए में पाया गया था।
जो भकुआ कहलाया गया।
भकुआ का पर्यायवाची लंठ होता है !!
हटाएंशुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंआभार आपका !
हटाएंबधाई ... बाईस बरस ... क्या बात है ... तभी इतनी मस्त रचना निकली है ...
जवाब देंहटाएं...रचना है या वेदना ??
हटाएंत्वरित टिप्पणी से सजा, मित्रों चर्चा-मंच |
जवाब देंहटाएंछल-छंदी रविकर करे, फिर से नया प्रपंच ||
बुधवारीय चर्चा-मंच
charchamanch.blogspot.in
आभार रविकर भाई !
हटाएंअब पूरे बाइस बरस बीते
जवाब देंहटाएंवी झेलि रहीं हमरी संगति,
'सत्ती होइ गईंन तुम्हैं साथै'
हमरी घरवाली रोजु कहति !
.....घर घर की कहानी ....बहुत सटीक रचना...आभार
आभार कैलाश जी !
हटाएंबधाई हो!जैसे बाईस साल बीते वैसे ही और तमाम साल बीतें!
जवाब देंहटाएंयह आसिरवाद है या सराप...?
हटाएं:)
हटाएंहम तो शुभकामना के लिये ही लिखे हैं। अब यह आपका पुरुषार्थ है कि इसे किसी और रूप में बदल दे। मनुष्य चाहे तो क्या नहीं कर सकता। :)
हटाएंविवाह की बाईसवी वर्षगाँठ की बधाईयाँ
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी !
हटाएं२२ साल पूरे करने के लिए बधाई।
जवाब देंहटाएंदो नए शब्द भी पता चले भकुआ व लंठ। यदि भकुआ का अर्थ मूर्ख बता देते तो शब्दकोष न खोलना पड़ता।
घुघूती बासूती
कष्ट के लिए क्षमा चाहता हूँ....आपका आभार !
हटाएंसुंदर रचना रच कही, गिरहस्थी का हाल।
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई आपको, बीते बाइस साल॥
सादर
शुक्रिया संजय जी !
हटाएंपूरे पूरे दिख रहे हैं
जवाब देंहटाएंमतलब बाईस साल
बहुत बुरे नहीं गुजरे हैं
अभी अट्ठासी साल बचे हैं
शतक बीर का तमगा
लेने के आसार पूरे हैं।
आभार सुशीलजी !
हटाएंत्रिवेदी जी,
जवाब देंहटाएंआपके विवाह के २२ वर्ष पूरे हुए, बहुत ख़ुशी हुई..ऐसे ही और कई २२ वर्ष आपदोनो के जीवन में आते रहें..
हार्दिक शुभकामनायें...!!
अदाजी...दिल से दी गई आपकी दुआ ज़रूर क़ुबूल होगी !
हटाएंबहुत आभार !
देर से ही सही विवाह की बाईसवी वर्षगाँठ की....बहुत बहुत बधाई....शुभकामनाएं संतोष जी
जवाब देंहटाएंआभार संजय भाई !
हटाएं