25 सितंबर 2012

गाँठ पड़ना ठीक है !


गाँठ जो है
तेरे मेरे बीच,
बाँधती भी है
अलगाती भी है।

गाँठ जो खुलती है
तेरे मेरे बीच,
राह बढ़ती है,
तन्हा छोड़ जाती है ।

गाँठ गर पड़ती नहीं
तेरे मेरे बीच,
एक-दूजे की अहमियत
समझ में आती नहीं ।

गाँठ का बँधना सदा
पक्का नहीं होता,
इतनी कसावट में भला
सहजता टिक पाती कहीं ।

 

22 टिप्‍पणियां:

  1. गाँठ देख कर लगता कि जो जितना भागने की कोशिश करेगा, उतना ही जकड़ जायेगा।

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  2. टूट चुका हो जो कुछ उस पर गाँठ पड़ जाए तो ठीक है अटूट पर गांठ पढ़ना उचित नहीं !

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  3. गंभीर रचना ।

    बधाई संतोष भाई ।।



    मन की गाँठों से सदा, बढ़ता दुःख अवसाद ।

    मन की गाँठे खोल दे, पाए मधुरिम स्वाद ।

    पाए मधुरिम स्वाद, गाँठ का पूरा कोई ।

    चले गाँठ-कट चाल, पकड़ के खुपड़ी रोई ।

    रविकर लागे श्रेष्ठ, सदा ही गाँठ जोड़ना ।

    अपना मतलब गाँठ, जानते दुष्ट छोड़ना ।।

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  4. चाहें न चाहें, गांठ कभी न कभी पड़नी ही है। बस उसे समझदारी से सुलझाना आना चाहिए..

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  5. ये भी ठीक है....
    गाँठ ही सही...जुड़े तो हैं....

    अनु

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  6. गाँठ पड़के भी साथ रहती है - ज़िन्दगी जी लेने को वाकई एक गाँठ भी काफी है

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  7. गाँठ जो है
    तेरे मेरे बीच,
    बाँधती भी है
    अलगाती भी है।
    बिल्‍कुल सही ...

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  8. गाँठ बाँध कर साथ में,फेरे लेती सात
    जीवन भर साथ निभाय,कहाँ गाँठ की बात,,,,,

    RECENT POST समय ठहर उस क्षण,है जाता,

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  9. सही बात...
    गाँठ जो है
    तेरे मेरे बीच,
    बाँधती भी है
    अलगाती भी है।
    गांठ ही सही जोड़े तो रक्खे है
    एक -दुसरे से..
    बेहतरीन रचना...
    :-)

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  10. बहुत से नए रिश्तों की शुरुआत गांठ से ही होती है।

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  11. चलिये गांठकथा से कुछ तो पता चला

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  12. मगर जो दिखायी दे रही है वह तो पक्की गाँठ हैं ! रीफ नाट है या ग्रैमी नाट भुला गया सब -मछली के जाल और नावों के डोर में हम भी कभी इनकी प्रक्टिस करते थे -बाद में पता लगा कि खूंटा गाँठ तो पुरनियें कब से बन्ध रहे हैं गोरू बर्धा को कंट्रोल में रखने के लिए -आप कहीं बंधे हैं या किसी को बान्ध लिए हैं ?

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  13. बाँध ली मैने ये बात
    आपकी गाँठ की तरह
    गाँठ पड़ गयी अगर
    खोलूंगा ही नहीं मगर
    जुड़ा रहूँगा पास पास
    दूर भी नहीं जाउंगा
    और रहूंगा भी बेखबर !

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  14. टूटे- रिश्ते जोड़ती , गाँठ मिलाती योग
    भले काम के वास्ते ,इसका करें प्रयोग
    इसका करें प्रयोग,आप हर गठबंधन में
    सात उम्र का साथ, बाँधती प्रेमांगन में
    जीवन के दिन चार, न कोई साथी छूटे
    गाँठ मिलाती योग , जोड़ती रिश्ते टूटे ||





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  15. गांठ पड़े भी तो खोलना ही बेहतर ...!!

    अच्छी रचना ...!!

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