गाँठ जो है
तेरे मेरे बीच,
बाँधती भी है
अलगाती भी है।
गाँठ जो खुलती है
तेरे मेरे बीच,
राह बढ़ती है,
तन्हा छोड़ जाती है ।
गाँठ गर पड़ती नहीं
तेरे मेरे बीच,
एक-दूजे की अहमियत
समझ में आती नहीं ।
गाँठ
का बँधना सदा
पक्का नहीं होता,
इतनी कसावट में भला
सहजता टिक पाती कहीं ।
गाँठ देख कर लगता कि जो जितना भागने की कोशिश करेगा, उतना ही जकड़ जायेगा।
जवाब देंहटाएंटूट चुका हो जो कुछ उस पर गाँठ पड़ जाए तो ठीक है अटूट पर गांठ पढ़ना उचित नहीं !
जवाब देंहटाएंगंभीर रचना ।
जवाब देंहटाएंबधाई संतोष भाई ।।
मन की गाँठों से सदा, बढ़ता दुःख अवसाद ।
मन की गाँठे खोल दे, पाए मधुरिम स्वाद ।
पाए मधुरिम स्वाद, गाँठ का पूरा कोई ।
चले गाँठ-कट चाल, पकड़ के खुपड़ी रोई ।
रविकर लागे श्रेष्ठ, सदा ही गाँठ जोड़ना ।
अपना मतलब गाँठ, जानते दुष्ट छोड़ना ।।
पते की बात!
जवाब देंहटाएंचाहें न चाहें, गांठ कभी न कभी पड़नी ही है। बस उसे समझदारी से सुलझाना आना चाहिए..
जवाब देंहटाएंकौन गाँठ ...??
जवाब देंहटाएंये भी ठीक है....
जवाब देंहटाएंगाँठ ही सही...जुड़े तो हैं....
अनु
गाँठ पड़के भी साथ रहती है - ज़िन्दगी जी लेने को वाकई एक गाँठ भी काफी है
जवाब देंहटाएंगाँठ जो है
जवाब देंहटाएंतेरे मेरे बीच,
बाँधती भी है
अलगाती भी है।
बिल्कुल सही ...
गाँठ बाँध कर साथ में,फेरे लेती सात
जवाब देंहटाएंजीवन भर साथ निभाय,कहाँ गाँठ की बात,,,,,
RECENT POST समय ठहर उस क्षण,है जाता,
सही बात...
जवाब देंहटाएंगाँठ जो है
तेरे मेरे बीच,
बाँधती भी है
अलगाती भी है।
गांठ ही सही जोड़े तो रक्खे है
एक -दुसरे से..
बेहतरीन रचना...
:-)
बहुत से नए रिश्तों की शुरुआत गांठ से ही होती है।
जवाब देंहटाएंचलिये गांठकथा से कुछ तो पता चला
जवाब देंहटाएंसही कही....
जवाब देंहटाएंमन चंगा तो कठौती में गंगा!
जवाब देंहटाएंएक गाँठ काफी है
जवाब देंहटाएंमगर जो दिखायी दे रही है वह तो पक्की गाँठ हैं ! रीफ नाट है या ग्रैमी नाट भुला गया सब -मछली के जाल और नावों के डोर में हम भी कभी इनकी प्रक्टिस करते थे -बाद में पता लगा कि खूंटा गाँठ तो पुरनियें कब से बन्ध रहे हैं गोरू बर्धा को कंट्रोल में रखने के लिए -आप कहीं बंधे हैं या किसी को बान्ध लिए हैं ?
जवाब देंहटाएंबाँध ली मैने ये बात
जवाब देंहटाएंआपकी गाँठ की तरह
गाँठ पड़ गयी अगर
खोलूंगा ही नहीं मगर
जुड़ा रहूँगा पास पास
दूर भी नहीं जाउंगा
और रहूंगा भी बेखबर !
टूटे- रिश्ते जोड़ती , गाँठ मिलाती योग
जवाब देंहटाएंभले काम के वास्ते ,इसका करें प्रयोग
इसका करें प्रयोग,आप हर गठबंधन में
सात उम्र का साथ, बाँधती प्रेमांगन में
जीवन के दिन चार, न कोई साथी छूटे
गाँठ मिलाती योग , जोड़ती रिश्ते टूटे ||
गांठों के प्रकार भिन्न भिन्न होते हैं
जवाब देंहटाएंगांठ पड़े भी तो खोलना ही बेहतर ...!!
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना ...!!
बेहतरीन रचना |
जवाब देंहटाएंमेरी नई पोस्ट:-
♥♥*चाहो मुझे इतना*♥♥