(१ )
भ्रष्टाचार
मुँह बाए खड़ा है,
हमारी उखड़ती साँसों को गिनता,
जान के पीछे पड़ा है,
सब्र के आगे अड़ा है !!
(२)
नेता
अब ऐसा विषय है,
सोचने में भी प्रलय है,
कह दिया कुछ जो इन्हें ,
सुकून का अंतिम समय है,
हर तरफ पहरे हमारे
और पहरों में भी भय है !!
(३ )
राजनीति
सबकी चहेती,
सबको इसी से प्यार है,
जो गुलाटी मार ले,
वह बची सरकार है !
देश है अब 'सेल ' पर ,
इससे न सरोकार है ,
व्यापारी को दरकार है,
उसी की पैरोकार है !
(४ )
एक बूढ़े से
क्रांति की उम्मीद में हम
लगातार उसको ताक रहे हैं,
अँधेरी कोठरी में चंद जुगनू लिए
हम झांक रहे हैं .
रोशनी जब चीरकर घुस आएगी ,
इस अँधेरे की तभी,
सचमुच में शामत आएगी !!
भ्रष्टाचार
मुँह बाए खड़ा है,
हमारी उखड़ती साँसों को गिनता,
जान के पीछे पड़ा है,
सब्र के आगे अड़ा है !!
साभार:गूगल बाबा |
(२)
नेता
अब ऐसा विषय है,
सोचने में भी प्रलय है,
कह दिया कुछ जो इन्हें ,
सुकून का अंतिम समय है,
हर तरफ पहरे हमारे
और पहरों में भी भय है !!
(३ )
राजनीति
सबकी चहेती,
सबको इसी से प्यार है,
जो गुलाटी मार ले,
वह बची सरकार है !
देश है अब 'सेल ' पर ,
इससे न सरोकार है ,
व्यापारी को दरकार है,
उसी की पैरोकार है !
(४ )
एक बूढ़े से
क्रांति की उम्मीद में हम
लगातार उसको ताक रहे हैं,
अँधेरी कोठरी में चंद जुगनू लिए
हम झांक रहे हैं .
रोशनी जब चीरकर घुस आएगी ,
इस अँधेरे की तभी,
सचमुच में शामत आएगी !!
कुछ न कुछ निष्कर्ष मिलेगा,
जवाब देंहटाएंपीड़ापथ उत्कर्ष मिलेगा।
wah...
जवाब देंहटाएंवाह , क्रन्तिकारी विचार प्रस्तुत किये हैं ।
जवाब देंहटाएंयी बच्चू कब से क्षणों में जीने लगे ...दुष्यंत कुमार का किरदार निभाने का इरादा है क्या ? :)
जवाब देंहटाएंछू रहे हैं उसी अर्श को .....
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकारें ||
जान के पीछे पड़ा है,
सब्र के आगे अड़ा है !!
saundar prastuti ke liye badhai
जवाब देंहटाएं@ क्षणिका १-४ ,
जवाब देंहटाएं:)
टीप से अलग ,
संतोष जी इससे संक्षिप्त और क्षणिक टिप्पणी नहीं दे पाया :)
सभी क्षणिकाएं मौजूदा दौर पर सटीक बैठती है .....
जवाब देंहटाएंदेखन में छोटे लगें पर घाव करें गंभीर ...
जवाब देंहटाएंचार क्षणिकाएं : चार क्रिया-प्रतिक्रिया :-
जवाब देंहटाएं1. मुंह बाए-सुजाए तो हम खड़े हैं
भ्रष्टाचार वाले तो सबसे बड़े हैं
2. फिर भी हरा हरा हो गया
जिसे आप कहते अभय हैं
वह गहरा और हरा हो गया
3. राजनीति से करोगे प्यार
तभी तो पीढि़यों को पाओगे संवार
नेता बन अभिनेता फैलाता अंधकार
4. जिसे आप जुगनू समझ रहे हैं
वह हमारी आपकी सबकी आंखें हैं
जिनमें से लालच चमक रहा है
चारों ही एक दूसरे को कोहनी मारती हुईं. वाह.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन।
जवाब देंहटाएंरोशनी जब चीरकर घुस आएगी ,
जवाब देंहटाएंइस अँधेरे की तभी,
सचमुच में शामत आएगी !!
खूबसूरत प्रस्तुति |
अब अक्षणिका...
जवाब देंहटाएं(१)
मृत्युशय्या के निकट जिस भ्रष्टाचार का ज़िक्र है
उसे हमारे अंदर वाले अपने संबंधी की फ़िक्र है !
(२)
नेता को ताने कसने का यही उचित समय है
भय कैसा ,बंदीगृह में उसका आरक्षण तय है !
(३)
सेल को ठेल ज़रा आगे बढ़ो , बात बने
खेल में उसको हरा आगे बढ़ो ,बात बने !
(४)
कब तक बूढ़े कांधों में चढ, मेले की हसरत पालोगे
अपने बच्चों को देखोगे गर खुद आसमान उठा लोगे !
@ प्रवीण पाण्डेय आपकी मनोकामना पूर्ण हो !
जवाब देंहटाएं@ मिश्राजी दुष्यंत कुमार की कवितायेँ आधुनिक काल की क्रांतिकारी रचनाओं में शुमार हैं....हम तो यूँ ही !
@ अविनाश जी आपकी चतुर-रचनाएँ अवर्णनीय !
@ अली साब आपका पहला सन्देश भी बहुत कुछ कहता है ,दूसरी बार 'अक्षणिका' ने तो धमाल ही कर दिया.
जवाब देंहटाएंआप भी न ,निराला की तर्ज़ पर नए-अन्ये शब्द गढ़ते जा रहे हैं.'अक्षणिका'का ईजाद भी कुछ इसी तरह का लगता है.पहली बार सुना यह नाम !
बहुत-बहुत आभार आपका. कई बार आपकी टीप मुख्य पोस्ट पर भारी पड़ती है !
चारों दम है। चारों से निकली बातों में दम है।
जवाब देंहटाएंकई बार :) इसको देखता हूँ तो सोच में पड़ जाता हूँ कि इसकी - कहां गई!:-)
बढ़िया है सरकार
जवाब देंहटाएंआज का अचार!!
अनुराग जी,राजपूत जी ,काजल जी ,ई पंडित जी ,देवेन्द्र जी और प्रवीण त्रिवेदी जी !
जवाब देंहटाएंसमझने के लिए आभार !
इस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।
जवाब देंहटाएंसंतोष जी ! सभी क्षणिकाएं सुन्दर और सटीक है...
जवाब देंहटाएंआपकी चारों क्षणिकाये बहुत सुंदर लगी ,क्या बात है ...बधाई
जवाब देंहटाएंमेरी नई पोस्ट की चंद लाइनें पेश है....
जहर इन्हीं का बोया है, प्रेम-भाव परिपाटी में
घोल दिया बारूद इन्होने, हँसते गाते माटी में,
मस्ती में बौराये नेता, चमचे लगे दलाली में
रख छूरी जनता के,अफसर मस्ती के लाली में,
पूरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे
सारी क्षणिकाओं में एक तीखा तेवर है, जो हमे सोचने विचारने का खुराक देती है।
जवाब देंहटाएं