मन की बातैं तुम केहे रहौ,
लोटिया,थरिया सब बिने रहौ।
पबलिक झूमि रही तुम पर
वहिका अफ़ीम तुम देहे रहौ।
देस भरे मा आगि लागि है,
लेकिन भागि तुम्हारि जागि है।
गाइ का ग्वाबरु बना मिसाइल
देखतै दुस्मन फ़ौज भागि है।
बाबा,गोरू अउ बैपारी
मौज उड़ावति हैं सरकारी,
गुंडा डंडा लइ दउरावैं
थर थर काँपैं खद्दरधारी।
पबलिक तुम्हारि, तुम पबलिक के
हरदम वहिका तुम छरे रहौ।
मरैं किसान,जवान मरैं
बातै खाली तुम बरे रहौ।
कोरट ऊपर शाह बइठि गे
क़ानूनौ का चरे रहौ।
गाँधी,नेहरू पीछे होइगे
तनि ईसुर ते तरे रहौ।
(लालकुआँ से कानपुर के रास्ते बस में )
२७ अगस्त २०१७
लोटिया,थरिया सब बिने रहौ।
पबलिक झूमि रही तुम पर
वहिका अफ़ीम तुम देहे रहौ।
देस भरे मा आगि लागि है,
लेकिन भागि तुम्हारि जागि है।
गाइ का ग्वाबरु बना मिसाइल
देखतै दुस्मन फ़ौज भागि है।
बाबा,गोरू अउ बैपारी
मौज उड़ावति हैं सरकारी,
गुंडा डंडा लइ दउरावैं
थर थर काँपैं खद्दरधारी।
पबलिक तुम्हारि, तुम पबलिक के
हरदम वहिका तुम छरे रहौ।
मरैं किसान,जवान मरैं
बातै खाली तुम बरे रहौ।
कोरट ऊपर शाह बइठि गे
क़ानूनौ का चरे रहौ।
गाँधी,नेहरू पीछे होइगे
तनि ईसुर ते तरे रहौ।
(लालकुआँ से कानपुर के रास्ते बस में )
२७ अगस्त २०१७
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