दिल्ली का मौसम बदला है।
आदम से शैतान भला है।।
तुमने अपना तीर चलाया।
अब तक कितनी बार छला है।
खुले-आम घूमते शिकारी।
अपनों से हारी अबला है।।
ये मौसम भी बदलेगा ।
घटा घिरी है,पवन चला है।।
जाने सब कुछ,फ़िर भी नादाँ ।
कच्ची उमर ,जुर्म पहला है ।।
हम कुछ समझ नहीं पाते ।
नए ज़माने का मसला है ।।
तू उसकी बातों पर मत जा।
मछरी ताके ,वो बगुला है ।।
छोर आसमां का छू लेंगे ।
उड़ने को अब दिल मचला है ।।
धीरे-धीरे तिमिर छटेगा ।
कल का दिवस सुनहला है ।।
बहुत खूब ...वाह
जवाब देंहटाएंशुकिया ठाकुर साहब ।
हटाएंइस अंधियारे से मुक्ति मिले, यही आशा है |
जवाब देंहटाएंअर्थपूर्ण,समसामयि पंक्तियाँ
आभार मोनिका जी।
हटाएंसमसामयिक
जवाब देंहटाएंSahi mein.... :-(
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
हटाएंआशायें जीवित हैं..
जवाब देंहटाएंयही विकल्प है।
हटाएंसटीक .......
जवाब देंहटाएंवाह वाह....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..
तू उसकी बातों पर मत जा।
मछरी ताके ,वो बगुला है ।।
लाजवाब...
और आख़री शेर भी बहुत बढ़िया..
सादर
अनु
आभार अनु जी।
हटाएंधीरे-धीरे तिमिर छंटेगा ।
जवाब देंहटाएंकल का दिवस सुनहला है ।।.......बहुत आशावान पंक्तियां।
जय हो :)
हटाएंआपकी सलाह मुफीद है।
हटाएंबदलाव प्रकृति का नियम है।
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता, बधाई।
............
एक विनम्र निवेदन: प्लीज़ वोट करें, सपोर्ट करें!
कल की ही आस है..
जवाब देंहटाएंजी ।
हटाएंउम्मीदों पर कायम है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
राम राम ताऊ ।
हटाएंकुछ ज़्यादा ही तुकबंदी नहीं हो गई ? :)
जवाब देंहटाएं....तुकबंदियों की सम्भावना से ही कवि बने रहने की सम्भावना बनी रहती है :)
हटाएंकवि तो अतुकांत भी होते हैं, अलबत्ता शायर को तुक्का ज़रूरी है।
हटाएंआखिरी पंक्ति खटक रही है संतोष भाई
जवाब देंहटाएं"पहले से कुछ तो सुधरा है !" इस तरह की हो तो फिट लगेगी !
शुभकामनायें कवि को !
...आखिरी पंक्ति ने मुझे भी परेशान किया है।
हटाएंइतने पाप किये हैं उसने,
जवाब देंहटाएंक्या अगला है क्या पिछला है!
अब ईमान कहाँ पाओगे,
मन का सागर छिछला है!
सही जा रहे हैं माट्साब!!
...आपसे ही सीखा है।
हटाएंघोर तिमिर में आशाओं को पल्लवित करता कवि.....
जवाब देंहटाएं...आभार।
हटाएंइसी उम्मीद में हैं जी .... कि धीरे-धीरे तिमिर छटेगा
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
हटाएंतू उसकी बातों पर मत जा।
जवाब देंहटाएंमछरी ताके ,वो बगुला है ।।
लाख समझाओ कोई नहीं मानता
बौराया ये जग सारा है!
सही कहा है, आशा बनी रहे।
जवाब देंहटाएंआभार।
हटाएंदुबारा पढ़ी है , बहुत सुंदर है , बधाई
जवाब देंहटाएंआभार आपका।
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