कल रात से शरीर पर थकन हावी थी,सुबह भी कुछ अच्छी नहीं रही.लग रह था कि ये रोज़मर्रा की बात हो गई है या यूं ही.सुबह आज कहीं जाना था,पर शरीर ने साथ नहीं दिया सो घर में ही पड़ा रहा.
अभी अचानक यह गीत सुना तो जैसे थेरेपी सी हो गई.मेरा प्रिय गीत और उसके बोल कुछ समझाते हैं जो हमें एक दिन नहीं रोज़ याद रखना चाहिए !
आप भी सुनेंगे तो वादा है,सब कुछ भूल जायेंगे !
THanks
जवाब देंहटाएंMitr
यह गीत सदा से ही प्रिय रहा है...आपका आभार सुनवाने के लिए.
जवाब देंहटाएंमेरा प्रिय गीत है। उन गिने चुने गीतों में जो मुझे कंठस्थ है।
जवाब देंहटाएंआजकल हर जगह मौसम ऐसा ही चल रहा है ... यहाँ भी कुछ ऐसा ही हाल था पर अब बहेतर है ... अपना ख्याल रखें !
जवाब देंहटाएंbahut sundar, badhai.
जवाब देंहटाएंअब माटी के मोल नहीं
जवाब देंहटाएंथकान के मोल बिका जाता है
संतोष भाई
इस थकान के मकान से
बचते बचाते रहो
एक हम ही बहुत हैं
इसे संभालने के लिए
या यह हमें संभाल
रहा है भाई।
इस सुन्दर गाने का
जवाब देंहटाएंआपकी थकान से क्या सम्बन्ध है भाई ?
यह बात अपने तो समझ नहीं आई ! :)
इस गाने को सुनने और कंठस्थ करने लायक बुज़ुर्ग नहीं हुआ हूं मैं अभी :)
हटाएंडाक्टर साहब की बात पर गौर कीजिये ! अपनी सेहत का ख्याल रखिये ! इतने रोवन्तु गीत से पहले अच्छा याद दिलाया आपने कि सुबह कही जाने के लिए शरीर को साथ ले लेना चाहिये :)
हटाएंमेरा मतलब 'शरीर का साथ' जिंदाबाद !
बुढ़ौती में कौन कंठस्थ कर सकता है? बुढ़ौती में तो जवानी में जो कंठस्थ/उदरस्थ/ह्रदयस्थ है वही बाहर आता है।:) बुढ्ढे तो गलियों में यह गीत गाते भी दिख जाते हैं..जब हम जवां होंगे जाने कहां होंगे..:)
हटाएं☺
जवाब देंहटाएंकल तक ठीक हो जायेगें ..फोन पर शेर सुनाना बंद कीजिये ...
जवाब देंहटाएंकोई गलत गाना लगा दिया क्या ?
वाह ! ,क्या बात है , कमाल की संवेदना व प्रेरणा है
जवाब देंहटाएंसचाई भरा गीत बेहतरीन गीत सुनवाने के लिए आपका आभार संतोष जी
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत.......
जवाब देंहटाएंपुराना वीडियो को देख कर तकनीकी तरक्की का आभास हुआ....
सादर
लाजवाब!!
जवाब देंहटाएंसब का एकट्ठे आभार !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीत ....
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...
truthful song and situation is that we are all already sold out.
जवाब देंहटाएंअब ठीक हो गये होंगे- उठें, जागें और नयी पोस्टे ठेल दें!
जवाब देंहटाएंमुझे भी मन से बहुत हल्का कर देते हैं ये बोल..
जवाब देंहटाएंहम मल्लिका पुखराज को गा रहे थे और आपने कहाँ ले जा के पटक दिया. वैसे बोल अच्छे हैं.
जवाब देंहटाएं