बहुत दिनों के बाद
सुनी मैंने दिल की आवाज़
एक बेचैनी सी कैसी
बज रहे अन्दर वाले साज !
बहुत दिनों के बाद
अघाकर सुना सुगम संगीत
लगा कोई है मेरा भी
इक प्यारा-सा मनमीत !
बहुत दिनों के बाद
डर रहा मैं सपनों से
विश्वास नहीं होता
दूर होता हूँ अपनों से !
बहुत दिनों के बाद
मिले हैं जीवन के कुछ अर्थ
जी रहा था जो अब तक
क्या गवाँ दिया यूँ व्यर्थ ?
बहुत दिनों के बाद
लगा अब भी है कुछ शेष
मेरे आगामी जीवन में
आयेंगे प्यारे सन्देश !
विशेष: बाबा नागार्जुन से माफ़ी सहित ! उनकी कविता,'बहुत दिनों के बाद ' से प्रेरित !
सुनी मैंने दिल की आवाज़
एक बेचैनी सी कैसी
बज रहे अन्दर वाले साज !
बहुत दिनों के बाद
अघाकर सुना सुगम संगीत
लगा कोई है मेरा भी
इक प्यारा-सा मनमीत !
बहुत दिनों के बाद
डर रहा मैं सपनों से
विश्वास नहीं होता
दूर होता हूँ अपनों से !
मिले हैं जीवन के कुछ अर्थ
जी रहा था जो अब तक
क्या गवाँ दिया यूँ व्यर्थ ?
बहुत दिनों के बाद
लगा अब भी है कुछ शेष
मेरे आगामी जीवन में
आयेंगे प्यारे सन्देश !
विशेष: बाबा नागार्जुन से माफ़ी सहित ! उनकी कविता,'बहुत दिनों के बाद ' से प्रेरित !