आँखों में समाई हो,सोचों में समाई हो,
घनघोर घटा बनकर,मेरे मन में छाई हो !
जब से तुम ज़ुदा हुईं ,ये जीवन सूख गया,
अब तुम ही याद मेरी,तुम ही तनहाई हो !
जिस तरफ़, जहाँ तक भी , ये नज़रें जाती हैं,
ज़र्रे में, दरिया में ,हरसूं दिखलाई हो !
तेरे साँसों की खुशबू,अब तक है ताज़ादम,
हर पल यह लगता है,जैसे तुम आई हो !
नज़रों के पास नहीं , पर साथ मेरे हरदम ,
ग़ज़ल भी हो मेरी, तुम मेरी रुबाई हो !
विशेष: पत्नी-वियोग में,रचनाकाल--२६/०६/१९९२ (संशोधन के साथ)
दूलापुर (रायबरेली )
घनघोर घटा बनकर,मेरे मन में छाई हो !
जब से तुम ज़ुदा हुईं ,ये जीवन सूख गया,
अब तुम ही याद मेरी,तुम ही तनहाई हो !
जिस तरफ़, जहाँ तक भी , ये नज़रें जाती हैं,
ज़र्रे में, दरिया में ,हरसूं दिखलाई हो !
तेरे साँसों की खुशबू,अब तक है ताज़ादम,
हर पल यह लगता है,जैसे तुम आई हो !
नज़रों के पास नहीं , पर साथ मेरे हरदम ,
ग़ज़ल भी हो मेरी, तुम मेरी रुबाई हो !
विशेष: पत्नी-वियोग में,रचनाकाल--२६/०६/१९९२ (संशोधन के साथ)
दूलापुर (रायबरेली )
आपका प्रेम यूँ ही पलता रहे बढ़ता रहे ....यही कामना है |
जवाब देंहटाएंहमारी भी यही कामना है।
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्टों के लिंक पोस्ट के पर्मालिंक की बजाय चिट्ठाजगत.इन पर ले जाते हैं। ब्लॉगर की सैटिंग में जाकर इसे सही कर लें ताकि अकेली पोस्टों को खोलना आसान हो।
जवाब देंहटाएंएक अन्य सुझाव है कि ब्लॉग पर कमेण्ट बॉक्स को ऍम्बैडिड वाला सैट कर दें ताकि टिप्पणी पोस्ट के नीचे ही बिना अलग पेज पर जाये की जा सके।
साथ ही एक और अनुरोध है कि http://draft.blogger.com में जाकर अपने ब्लॉग हेतु मोबाइल टैम्पलेट सक्षम करें ताकि मोबाइल पर ब्लॉग पढ़ना आसान हो।
मन के कोमल भावों की अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएं@प्रवीण त्रिवेदी आपका बहुत आभार !
जवाब देंहटाएं@सोमेश सक्सेना आपकी शुभकामनाओं की ही दरकार है,धन्यवाद !
@प्रवीण पाण्डेय हौसला-अफ़जाई का शुक्रिया !
@ePandit आपकी सलाह काफ़ी काम आई है,भविष्य में भी अनुग्रह बनाए रखिये !
जवाब देंहटाएंमन के कोमल भावों की अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएं@Patali -The -Village धन्यवाद !
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