हम आज़ाद हैं
बेशर्मी से भ्रष्टाचार करने को,
कानून को अपनी उँगलियों में नचाने को,
दौलत का अम्बार बेशुमार लगाने को,
स्याह रास्तों पर सफ़ेद कपड़ों में चलने को,
चौंसठ सालों से
बिना शर्त ,बिना भय के यही करते आ रहे हैं हम!
नहीं आज़ाद हैं हम
शान्तिपूर्ण अनशन के लिए,
भ्रष्टाचार से पंगा लेने के लिए,
चोर को चोर कहने के लिए,
अपनी पहचान बनाने के लिए,
अपनी आवाज़ उठाने के लिए,
ये सब होगा ,शर्तों के अधीन,
बीस या तीस जितनी चाहिए शर्तें चस्पा की जाएँगी,
हर हाल में हम हावी रहेंगे,
इसी की आज़ादी हमने दी है देश को,
राशन लगाकर देंगे हम आज़ादी,
पर,इस देश में होगा वही,जो हम चाहेंगे !
'हम आज़ाद हैं' इसमें 'हम' केवल हमारा है,
किसी और ने माना है तो यह उसकी 'आज़ादी' है !
असली आज़ादी तो हमने पा ली है,
अन्ना ,मुट्ठी देखो,
हमारी भरी,तुम्हारी खाली है !
बेशर्मी से भ्रष्टाचार करने को,
कानून को अपनी उँगलियों में नचाने को,
दौलत का अम्बार बेशुमार लगाने को,
स्याह रास्तों पर सफ़ेद कपड़ों में चलने को,
चौंसठ सालों से
बिना शर्त ,बिना भय के यही करते आ रहे हैं हम!
नहीं आज़ाद हैं हम
शान्तिपूर्ण अनशन के लिए,
भ्रष्टाचार से पंगा लेने के लिए,
चोर को चोर कहने के लिए,
अपनी पहचान बनाने के लिए,
अपनी आवाज़ उठाने के लिए,
ये सब होगा ,शर्तों के अधीन,
बीस या तीस जितनी चाहिए शर्तें चस्पा की जाएँगी,
हर हाल में हम हावी रहेंगे,
इसी की आज़ादी हमने दी है देश को,
राशन लगाकर देंगे हम आज़ादी,
पर,इस देश में होगा वही,जो हम चाहेंगे !
'हम आज़ाद हैं' इसमें 'हम' केवल हमारा है,
किसी और ने माना है तो यह उसकी 'आज़ादी' है !
असली आज़ादी तो हमने पा ली है,
अन्ना ,मुट्ठी देखो,
हमारी भरी,तुम्हारी खाली है !
बँधी हुयी आजादी।
जवाब देंहटाएंअभी भी लगता है कि वाक़ई आज़ादी कितनी दूर है...
जवाब देंहटाएंजी हाँ आज़ादी तो है सरकार जो कहे वह करने की, सरकार का खुल के समर्थन करने की . मन्नू जी तो रात भर सोये नहीं होंगे और अब तो उनकी नींद को आज़ादी मिल गई होगी.
जवाब देंहटाएंखाली मुट्ठी कल खुल के रहेगी !
जवाब देंहटाएंआजादी गुलामी की जंजीर में जकड गयी है ! शर्म की बात है ऐसे सरकार से ! स्वतंत्र दिवस की बधाई !
जवाब देंहटाएंआजा दी, आजा दी करते करते आजादी तो गई, रक्षा बंधन पर आई थी दीदी वो भी उसी दिन गई। भ्रष्टाचार ने कब्जा जमाया और देश की खुशी भी गई। जय जय जय! कविता आपकी संतोष तो दे गई।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति स्वतंत्रता दिवस के शुभावसर पर.आपको भी स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सन्देश कहती रचना !....शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंसमर्थ को बेईमानी की भी आजादी, शोषित को अपनी बात कहने की भी नहीं। सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंलाजवाब कटाक्ष करती है आपकी रचना .... आज के हालात का सही विवरण है इस रचना में ...
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा रचना...
जवाब देंहटाएंक्या कहें, अगर अन्ना की बात मान ली जाये तो संसद के ऊपर एक तानाशाह बैठ जायेगा और ये होगा एक लोकतंत्र का धीमा अंत,
जवाब देंहटाएंअरे भाई ठीक से वोट दो तो किसी अन्ना की जरुरत ही नहीं है,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
असली आज़ादी तो हमने पा ली है,
जवाब देंहटाएंअन्ना ,मुट्ठी देखो,
हमारी भरी,तुम्हारी खाली है !
क्या जबर्दस्त कटाक्ष है।
बहुत बढ़िया।