इधर एक नई मुसीबत आन पड़ी है ! सारी दुनिया के पालनहार और रखवाले सैम अंकल
की साख़ को कुछ लोग गिरा हुआ बता रहे हैं,जबकि ऐसा नहीं है और उधर से
बक़ायदा इराक-युद्ध की तरह ऐलान भी ज़ारी कर दिया गया है कि कहीं कोई
दिक्कत नहीं है.अब वे तो ठहरे हमारे प्रभु-देश,मगर भक्तों का क्या
करें,बेचारे थोड़े में ही ढीले हो जाते हैं. भाई ,साख उनकी गिर रही है और
दुबले हम हुए जा रहे हैं.
साख गिरने का असर कुछ ऐसा हुआ कि तीन दिन में ही दुनिया के बाज़ारों में कोहराम मच गया.जब भगवान की साख गिरेगी तो आंच उनके चेलों तक तो आएगी ही ! जब नफ़ा ऊपर से नीचे तक आता है तो नुकसान उलटी चाल क्यों चलेगा ? कई विशेषज्ञों ने हिसाब लगाकर बताया है कि इत्ते करोड़ का हो चुका है और बढ़ सकता है.
जिस एजेंसी ने साख़ गिराई है उसका नाम 'स्टैंडर्ड एंड पुअर' है ,तो भाई वह कितनी बड़ी तोप है ? जिसकी साख़ को ईराक,अफगानिस्तान और पाकिस्तान मिलकर नहीं गिरा पाए तो मुई यह कागजी जोड़-घटा क्या ख़ाक गिरा पाएगी ?सामाजिक साख़ से आर्थिक साख़ बड़ी होती है क्या? जब वे उसे झेल गए तो ये तो दोयम दर्जे की है ! सुनते हैं कि 'मूडी' भी इसी राह पर चलने वाली है तो भाई,वह तो है ही 'मूडी' उसका क्या,जैसा मूड होगा वैसा कह देगी ! इन बातों से महाशक्ति का कुछ बनता-बिगड़ता नहीं है.
यही लिए हमारी सरकार ने कहा है कि हमें चिंता करने की ज़रुरत नय है.हम बिलकुल ज़मीनी तौर पर मज़बूत हैं,हम ज़मीन में ही पड़े हैं,इसलिए हम न कभी ऊपर थे और न गिरेंगे ! गिरने का ख़तरा तो उन्हीं को होता है जो आगे-आगे भागते हैं और ऊपर को उछलते हैं ! फिर वह कोई बरगद की शाख थोड़े है कि उसके गिरने से हम सब दब जायेंगे ! हम तो इसीलिए वह चीज़ रखते ही नहीं जिसके न होने का भय बना रहे !
फिलहाल ,हमें तो मुँह ढक के सो जाना चाहिए !
गिरती उनकी साख ,पर होते हम बेचैन,
हम बौराए-से फिरें,चौतरफ़ा दिन-रैन!
चौतरफ़ा दिन-रैन ,मुसीबत में अमरीका,
छींक अगर आ जाए तो हिस्सा हिले जमीं का!
साख बचाने उसकी ,अब हम सब दौड़ेंगे,
इस कोशिश में भी ,पाक से हम पिछ्ड़ेंगे!
कह चंचल कविराय ,क्यों करें इतनी विनती,
साख हमारी नहीं इसलिए नहीं है गिरती !
साख गिरने का असर कुछ ऐसा हुआ कि तीन दिन में ही दुनिया के बाज़ारों में कोहराम मच गया.जब भगवान की साख गिरेगी तो आंच उनके चेलों तक तो आएगी ही ! जब नफ़ा ऊपर से नीचे तक आता है तो नुकसान उलटी चाल क्यों चलेगा ? कई विशेषज्ञों ने हिसाब लगाकर बताया है कि इत्ते करोड़ का हो चुका है और बढ़ सकता है.
जिस एजेंसी ने साख़ गिराई है उसका नाम 'स्टैंडर्ड एंड पुअर' है ,तो भाई वह कितनी बड़ी तोप है ? जिसकी साख़ को ईराक,अफगानिस्तान और पाकिस्तान मिलकर नहीं गिरा पाए तो मुई यह कागजी जोड़-घटा क्या ख़ाक गिरा पाएगी ?सामाजिक साख़ से आर्थिक साख़ बड़ी होती है क्या? जब वे उसे झेल गए तो ये तो दोयम दर्जे की है ! सुनते हैं कि 'मूडी' भी इसी राह पर चलने वाली है तो भाई,वह तो है ही 'मूडी' उसका क्या,जैसा मूड होगा वैसा कह देगी ! इन बातों से महाशक्ति का कुछ बनता-बिगड़ता नहीं है.
यही लिए हमारी सरकार ने कहा है कि हमें चिंता करने की ज़रुरत नय है.हम बिलकुल ज़मीनी तौर पर मज़बूत हैं,हम ज़मीन में ही पड़े हैं,इसलिए हम न कभी ऊपर थे और न गिरेंगे ! गिरने का ख़तरा तो उन्हीं को होता है जो आगे-आगे भागते हैं और ऊपर को उछलते हैं ! फिर वह कोई बरगद की शाख थोड़े है कि उसके गिरने से हम सब दब जायेंगे ! हम तो इसीलिए वह चीज़ रखते ही नहीं जिसके न होने का भय बना रहे !
फिलहाल ,हमें तो मुँह ढक के सो जाना चाहिए !
गिरती उनकी साख ,पर होते हम बेचैन,
हम बौराए-से फिरें,चौतरफ़ा दिन-रैन!
चौतरफ़ा दिन-रैन ,मुसीबत में अमरीका,
छींक अगर आ जाए तो हिस्सा हिले जमीं का!
साख बचाने उसकी ,अब हम सब दौड़ेंगे,
इस कोशिश में भी ,पाक से हम पिछ्ड़ेंगे!
कह चंचल कविराय ,क्यों करें इतनी विनती,
साख हमारी नहीं इसलिए नहीं है गिरती !
बहुत बढ़िया..मजा आ गया पढ़कर...
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा है .......सार्थक सन्देश देती हुई व्यंग्य
जवाब देंहटाएंऊठ जाग मुसाफ़िर भोर भई! :)
जवाब देंहटाएंसाख गिर गयी, पुवर ने गिरायी।
जवाब देंहटाएंअरे हमार क्या -दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ वाले लोग हैं !
जवाब देंहटाएंगिराने दीजिये , इसमे केवल काली कमाई है ! उन्हें ही चिंता है ! हम तो सफ़ेद है ! गहरी रेखा !
जवाब देंहटाएंबिना साख के राख कैसे किया जाता है
जवाब देंहटाएंसंतोष करो तो जानो
इससे अधिक साख तो संतोष भाई की मानो।
बहुत बढ़िया लगा! बिल्कुल सही कहा है आपने! शानदार प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
सई बात। साख अमड़ीका की गिरी है, उसकी चिन्ता में भारतीय दुबले हुये जा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंसाख होगी तभी तो गिरेगी...।
जवाब देंहटाएंवाह...बात में दम है।
साख बचाने उसकी ,अब हम सब दौड़ेंगे,
जवाब देंहटाएंइस कोशिश में भी ,पाक से हम पिछ्ड़ेंगे ...
लगता है सोनिया जी इसलिए भी गयी हैं दौड़े दौड़े अमरीका में इलाज कराने ... (या करने) ...
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंbahut hi rochak abhivyakti ke lie aapka abhar.
जवाब देंहटाएंस्टैण्डर्ड एंड पूअर अपना एक देसी चला रहा है ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !