आख़िरकार दिल्ली में बढ़ती ठंड को देखते हुए आठवीं तक के बच्चों को विद्यालय से पूरे हफ़्ते की छुट्टी दे दी गई । लगातार तीन दिनों से शीत-लहर का प्रकोप ज़ारी है, जिससे यह थोड़ी देर से ही सही ,बिलकुल सही कदम है। शीत-लहर की ठिठुरन बड़े-बड़ों को कंपा देती है,तो फिर छोटे बच्चों के लिए यह और कष्ट-दायी होता है, भले ही वे इसकी फ़िक्र न करते हों।
दर-असल ,सरकारी स्कूलों में जो बच्चे पढ़ने आते हैं उनकी पृष्ठ -भूमि ऐसी होती है,जिसमें जीने के ज़्यादा विकल्प नहीं होते। इन बच्चों के घरों में न तो सही छत होती है,न ही खान-पान का उम्दा इंतज़ाम ,तो फिर सर्दियों के लिए क्या विशेष साधन होंगे,यह आसानी से समझा जा सकता है। इससे बहुत ज़्यादा साधन उन्हें स्कूलों में भी नहीं मिल पाते हैं।
बहरहाल , फौरी इंतज़ाम के ज़रिये बच्चों को स्कूलों से छुट्टी देकर सरकार ने ठीक ही किया है!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें