हर भेष में,हर देश में ! |
हम लोग पिछले पचास-साठ सालों से यूँ ही भाड़ नहीं झोंक रहे हैं .हमने अपनी ताकत में लगातार इजाफा किया है.अपने लोगन क हम तनी अपनी बोली मा समझाय देइ कि हमैं संगठन के लोग हर दल,हर कोनवा और हर ठीहे पे मिल जइहैं .सबते बड़ी बात या है कि हर सरकार मा हमरी साझेदारी है !यहिते अन्ना के अनशन ते घबड़ाय के तनिकौ ज़रूरत ना है !
हम लोग बीते सालों में समाज में इतने घुल-मिल गए हैं कि दूसरी प्रजाति लुप्त होने की कगार पर है.उसी प्रजाति के बचे-खुचे लोग अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.एक बात यह भी है कि ऐसे कुछ लोग मौका पाते ही हमारी बिरादरी में शामिल हो जाते हैं .इसलिए भी अपने अस्तित्व और भविष्य की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारे आका लोग अपनों को बचाने के लिए इस बिल में भी छेद कर देंगे !हमें अपने काम को थोड़ा सतर्कता और होशियारी से करना पड़ेगा .कुछ दिन तक पुरानी दर पर ही काम करना पड़ सकता है,इसलिए बाल-बच्चों को थोड़ा तकलीफ हो सकती है !
इसलिए आखिरी जश्न तो हम ही मनाएंगे और फिर इस बिल को तो अभी पास भी तो होना है.इसमें पलीता लगाने की कोई न कोई तरकीब ज़रूर निकल आयेगी !हम लोग इसलिए भी चिंतित नहीं हैं क्योंकि कानून तो पहले के भी कोई कम नहीं बने हैं.हमारी बिरादरी बिंदास होकर अपना काम करे,ये थोड़े समय का बुलबुला है,जल्द ही पिचक जायेगा !
और हाँ,तब तक अन्ना हजारे जी के हर कार्यक्रम में आप सब लोग ढोल-नगाड़े लेकर अपनी उपस्थिति अवश्य दर्ज कराते रहें !
सहिये कहे भईया ... घबराने की कौनो ज़रूरत नाही है... भ्रष्टाचार ने जींस में बदलाव ला दिए हैं... कौनो घबराने की बात नहीं है...
जवाब देंहटाएंबस थोड़े दिन पुरानी दर पर ....:)
अब उनको भूखा रहना है,
जवाब देंहटाएंजीवन का कहना सहना है।
हम जो भूखे बैठ रहे तो,
अन्त लिखेगा भ्रष्टाचार।
बहुते सटीक और सन्नाट संतोष भाई , लेकिन ई अगर शुरूआत है तो फ़िर उ मौजाए और बौराए लोगन को जादे निश्चिंत होने का जरूरत नय है काहे से जनता जौन सोटा से ढोल पीट रही थी ..वही सोटा से पिठिया भी सेंक सकती है बस एक बार तनि हुर्रर्रर्रर्र करने की देर है । बढिया पोस्ट है
जवाब देंहटाएंकुछ भी हो भैया इस बार जो कुछ हुआ उसके अच्छे परिणाम आयेंगे. यह दूरगामी होंगे. जो हुआ अच्छा हुआ .
जवाब देंहटाएंआपका कांफिडेंस गुड!
जवाब देंहटाएंऔर
ओवर कांफिडेंस टू गुड!!
:-)
हम्म्म ...अच्छा ख़ासा तीखा है
जवाब देंहटाएं@PADMSINGH भई,किसी की रोज़ी-रोटी का सवाल जो है !
जवाब देंहटाएं@प्रवीण पाण्डेय सही है भाई,हम तो उन्हें हि भूखों मरने पर मजबूर कर देंगे !
@अजय कुमार झा भइया, सही लप्पड तो आपै लगाए हो !आपकी तो लिखबे से हि ऊ ससुरा ढेर हुई जइहैं !
@सुशील दीक्षित उम्मीद पे दुनिया कायम है बंधु !
@प्रवीण त्रिवेदी अपन पुराने पापी जो ठहरे !
@Kajal Kumar आपके हम्म्म से जो हुँकार निकली है,शायद सही जगह पहुँच गयी होगी !
सारा सच मतदान के बाद खुलेगा ! शायद सरकार ने मतदान की वजह से जल्दी में निर्णय लिया ! आखिरी दाव सत्र में मालुम होगा ! वैसे अन्ना जी का योगदान शराहनीय है !
जवाब देंहटाएंतब तक अन्ना हजारे जी के हर कार्यक्रम में आप सब लोग ढोल-नगाड़े लेकर अपनी उपस्थिति अवश्य दर्ज कराते रहें !
जवाब देंहटाएंजी जरुर .....
वैसे ,आप की बातों में भी दम है। देखते हैं, आगे आगे होता है क्या...।
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंप्रिय बंधुवर संतोष त्रिवेदी जी
जवाब देंहटाएंसादर सस्नेहाभिवादन !
अन्नाका ज़ादू अब उतरने वाला नहीं आसानी से …
बस, सभी निजी प्रयास और बढ़ादें … तो भ्रष्टाचार का किनारा आया ही समझो …
* श्रीरामनवमी की शुभकामनाएं ! *
- राजेन्द्र स्वर्णकार
karaaraa vyangya hai bhaai "Genetic programming of Indians have undergone a change "fir bhi bhaiye ye kyaa kam hai :log aaye aur ek jagh nahin ,har jagah ,
जवाब देंहटाएंUPaiye(yupaiye ,UP main ) me bhi bhaiye ,Maya-Mulayam ke khilaaf Bigul baz riyaa hai ,bhaiye!
India is a corruption resistant country where Annaaz ,and Kirans also live .
"saalaa super Bug "hamaaraa kyaa karlegaa ,chaahen dilli ke paani me ho yaa rashtrpati bhavan kee naali me .
veerubhai (Mubarak bhai sahib sashakt lekhan ke liye ).
@G.N.SHAW मतदान के बाद भी क्या ख़ाक निकलेगा,जबतक मतदाता के पास कोई ठोस विकल्प न हो !
जवाब देंहटाएं@हरकीरत 'हीर' आपने सही हाजिरी लगाई है !
@mahendra verma दम बातों के बजाय काम में होना चाहिए !
@सतीश सक्सेना आपका आभार !
@Rajendra Swarnakar:राजेंद्र स्वर्णकार यह काम सामूहिक है और हमारी,आपकी भागीदारी से होगा.
रामनवमी की आपको भी बधाई !
@veerubhai भ्रष्टाचार सर्वव्यापी हो चुका है इसलिए इसे हर जगह से भगाना ही होगा !
'दस-मिलीलीटर' खून बढ़ाने का आभार !
"और हाँ,तब तक अन्ना हजारे जी के हर कार्यक्रम में आप सब लोग ढोल-नगाड़े लेकर अपनी उपस्थिति अवश्य दर्ज कराते रहें"
जवाब देंहटाएंजे कही है आपने अपने मन की बात संतोष भाई,बकिया यूँ हिन् लिख
दींन ससुरे बेईमान नेताओं के मन की बात.
आपके ब्लॉग पर पहली दफा आना हुआ,मन खुश कर दिया अंट संट
बतियाके,फिर मन की बात बता के.
जानकर खुशी हुई आप 'मानस' प्रेमी हैं.फिर तो आ जाईये मेरे ब्लॉग 'मनसा वाचा कर्मणा' पर,रामजन्म के शुभावसर पर आपको सादर निमंत्रण है.
हम लोग पिछले पचास-साठ सालों से यूँ ही भाड़ नहीं झोंक रहे हैं-bahut badhiya vyangy .badhai .
जवाब देंहटाएं@Rakesh Kumar सादर अभिवादन और धन्यवाद !
जवाब देंहटाएं@शिखा कौशिक बहुत-बहुत धन्यवाद !