फिर तो हम सब गुनहगार हैं :)
हाँ जी,यही सही है !
यह देखिये गूगल प्लस पर चर्चा....अली सैयद8:59 AMऐसे देखना गुनाह तो है :)संतोष त्रिवेदी9:03 AMपर ये गुनाह बुढ़ापे में ज़्यादा होता है :-)अली सैयद9:04 AMबुढ़ापे में आदमी जल्दी से छुप नहीं पाता ना इसलिए चांस कम है :)संतोष त्रिवेदी9:10 AMतभी तो हम जल्द बूढ़ा होना चाहते हैं :-)अली सैयद9:13 AMबुढ़ापे में खुलकर देखने वालों पे कोई इलज़ाम नहीं होता :)संतोष त्रिवेदी9:16 AMइसीलिए इश्क इनको हराम नहीं होता:-)
फिर तो हम सब गुनहगार हैं :)
जवाब देंहटाएंहाँ जी,
हटाएंयही सही है !
यह देखिये गूगल प्लस पर चर्चा....
जवाब देंहटाएंअली सैयद8:59 AM
ऐसे देखना गुनाह तो है :)
संतोष त्रिवेदी9:03 AM
पर ये गुनाह बुढ़ापे में ज़्यादा होता है :-)
अली सैयद9:04 AM
बुढ़ापे में आदमी जल्दी से छुप नहीं पाता ना इसलिए चांस कम है :)
संतोष त्रिवेदी9:10 AM
तभी तो हम जल्द बूढ़ा होना चाहते हैं :-)
अली सैयद9:13 AM
बुढ़ापे में खुलकर देखने वालों पे कोई इलज़ाम नहीं होता :)
संतोष त्रिवेदी9:16 AM
इसीलिए इश्क इनको हराम नहीं होता:-)