28 अक्तूबर 2009

कोई डॉक्टर है क्या ?

अभी जल्दी में एक ख़बर आई कि अपनी राष्ट्रिय पार्टी ,भाजपा बीमार है,सुनकर बड़ा दुःख हुआ क्योंकि अपने को इस पार्टी से बेहद लगाव है। उसे क्या बीमारी है इस पर बाद में बात करते हैं ,सबसे पहले तो उसकी बीमारी पर हमारी चिंता तो जान लें !
अगर एक देशभक्त पार्टी जो शुचिता ,स्वराज और संस्कृति की बात करती है उसे कुछ हो गया तो हम जैसे लोगों का क्या होगा,हिंदू धर्म का क्या होगा और सबसे बढ़कर उस संकल्प का क्या होगा जो देश की सेवा के लिए इसने लिया हुआ है। देश को परिवारवाद और रोमन साम्राज्य से कौन बचायेगा,अयोध्या में राम-मन्दिर कैसे बन पायेगा और अगर अपना कोई जहाज तालिबानी पकड़ ले गए तो उन्हें जलेबी कौन पहुँचायेगा?
कहते हैं कि उसकी बीमारी की ख़बर अपने ही भागवत साहब ने बताई है साथ ही निदान भी दिया है कि यह बीमारी केवल शल्यक्रिया के द्वारा ही ठीक हो सकती है। अब यह देखने की बात है कि यह सर्जरी पूरे शरीर की होनी है या दिमाग की? हालाँकि राजनाथ जी ने पूछा भी है कि किसका दिमाग ख़राब है, तो एक तरह से उनने भी माना है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है ।
वैसे अपन जैसे कहने वाले बहुत पहले से कह रहे हैं कि पार्टी नहीं उसकी विचारधारा बीमार है पर सुनने वाला कोई नहीं है,उल्टे इसका इलाज़ नरेंद्र मोदी और आडवाणी जी से कराना चाह रही है जबकि सारी बीमारी कि जड़ यहीं है। जिन आडवाणी जी को अगले चुनावों के लिए अनफिट मान लिया गया हो उन्हीं को बेमन ढोते रहना कहाँ की समझदारी है? भाजपा का बीमार होना देश के लिए ठीक नहीं है और समय रहते पार्टी के लोगों द्वारा इसका इलाज़ कर लेना चाहिए नहीं तो जनता सही इलाज़ करना बखूबी जानती है !
इस उम्मीद के साथ कि भाजपा की तबियत जल्द सुधर जायेगी ,ढेर सारी सदिच्छाओं के साथ.....

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