मेरा रक़ीब है,नहीं भी है,
मेरे क़रीब है,नहीं भी है।
तुझे पा लिया, तुझे खो दिया
मेरा नसीब है,नहीं भी है।
मुझे भूल जा,मुझे याद रख,
इक तरकीब है,नहीं भी है।
जरा आइने पे निगाह भर
सूरत ये अजीब है,नहीं भी है।
बिछ गए हैं मान-पत्र,ले उठा
हमें लगे सलीब है,नहीं भी है।
दिल्ली कभी,लखनऊ कभी
नई ये तहजीब है,नहीं भी है।
मेरे क़रीब है,नहीं भी है।
तुझे पा लिया, तुझे खो दिया
मेरा नसीब है,नहीं भी है।
मुझे भूल जा,मुझे याद रख,
इक तरकीब है,नहीं भी है।
जरा आइने पे निगाह भर
सूरत ये अजीब है,नहीं भी है।
बिछ गए हैं मान-पत्र,ले उठा
हमें लगे सलीब है,नहीं भी है।
दिल्ली कभी,लखनऊ कभी
नई ये तहजीब है,नहीं भी है।