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प्रिंट मीडिया में बैसवारी
बेटे की तूलिका
टेढ़ी उँगली
26 नवंबर 2008
तुम क्या हो !
तेरी आंखों में हमें कुछ न मिला,
न कोई ख्वाहिश थी,न कोई गिला !
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