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26 मई 2012

ईमानदारी अब डराती है !

ईमानदारी
अब कीमत चुकाती है ,
बीच सड़क पर
क़त्ल होती है वह
व्यवस्था आँख मूँद कर चली जाती है !

ईमानदारी
अब सबको डराती है,
दिन के उजाले में भी
स्याह*अँधेरा लाती
सूरज की रोशनी  शर्माकर चली जाती है !

ईमानदारी
अब कहर ढाती है,
भरे-पूरे परिवार को
जड़ से तबाह कर
सांत्वना दिलाकर चली जाती है !

ईमानदारी
सपने नहीं दिखाती है ,
किताबों में रहकर
पन्ने-पन्ने नुचकर
नारों (नालों) में बहकर चली जाती है !


....इतना होते हुए भी वह
ईमानदारी को बचाये हुए है,
भौतिकता को छोड़कर
केवल अपनी आत्मा के साथ
गठबंधन निभाए हुए है !!




विशेष: बंगलौर में शहीद हुए ईमानदार अधिकारी महंतेश को समर्पित !

31 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया है।

    मेरे खयाल से 'अब' न होता तो भी अच्छा होता।

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  2. अच्‍छाइयां हैं जो यूं ही नहीं मर सकतीं, आज तक नहीं मरीं यही सबूत है

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  3. केवल अपनी आत्मा के साथ
    गठबंधन निभाए हुए है !!

    बहुत बढ़िया लिखा है |
    बूंद बूंद से सागर बनता है ....!!
    नेक कार्य करते चलें...
    शुभकामनायें.

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  4. जाती हुई ईमानदारी से
    बस इतना भर कहना
    जाते हुए भी अपने
    अवशेष छोड़ जाना
    इतिहास में अपने
    पांच अक्षर छोड जाना
    कल हमारे बच्चे
    बडे हो जाएंगे
    जानने और सीखने
    स्कूल जब जाएंगे
    तब उनमें होले से
    जिज्ञासा जगाना
    अवशेष छोड जाना।

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  5. काश! ईमानदारी थोड़ी बेईमान हो जाती , थोडा ही सही सम्मान तो मिलता .....पता नहीं ईमानदारी अछूतों की श्रेणीं में क्यों आती है ,कोई नहीं बताता ...... अच्छे भाव ,व भावना .....

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  6. बात में सच्चाई है
    लेकिन वे अमर हैं
    जिन्होने ईमानदारी
    आज तक बचाई है।

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  7. सच! ईमानदारी भी जब अब इमानदार नहीं रह गयी है ऐसे व्यक्तित्व प्रातः पूज्यनीय हैं !

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  8. एक बढ़िया रचना ....
    आभार आपका !

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  9. ईमानदारी तो हमेशा डराती रही है या कठिन परिस्थितियाँ लाती रही है

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  10. कितना भी डराए , ईमानदारी को डरने की ज़रुरत नहीं .

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  11. एक मिनट के मौन"

    "को मेरी टिप्पणी माना जाये !

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  12. ईमानदारी डराती है..........
    सावधान...मुझे भी बेईमानी समझा जा रहा है.....

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  13. श्रद्धानाजली का यह रूप, नमनीय है वह शहादत!!

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  14. ईमानदारी, सच मानिए बहुत शक्ति दे जाती है
    तभी तो सच के लिए जान दे देने की हिम्मत आ जाती है
    हां राह कठिन है
    पर सुकून मिलता है
    जब मंजिल सामने आ जाती है।

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  15. ईमानदारी सपने जगाती है, सपने सच न हो पाने का दुख भी दे जाती है।

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  16. बहुत कुछ सोंचने पर विवश करती रचना...बहुत बहुत बधाई...

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  17. लाख मुश्किलें आयें मगर ईमानदारी मजबूत भी बनाती है !
    कुछ लोंग फिर भी ईमानदारी की मिसाल बनाये हुए हैं , उन्हें नमन !

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  18. इतना होते हुए भी वह
    ईमानदारी को बचाये हुए है,
    भौतिकता को छोड़कर
    केवल अपनी आत्मा के साथ
    गठबंधन निभाए हुए है !!

    ...बहुत सटीक प्रस्तुति...सब कुछ सह कर भी अब भी कुछ लोग ईमानदारी का दामन पकड़े हुए हैं..

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  19. और अच्छी बातों की तरह ईमानदारी भी कहीं ना कहीं जीवित है ।

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  20. सुन्दर प्रस्तुति |
    सही सोच |
    मुश्किल काम ईमानदार होना ||

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  21. ईमानदारी अगर डराती होती
    तो बेईमानी डर गई होती
    पर उसने कब्‍जा जमाया है
    सब जगह कालाधन समाया है

    नीयत भी सबकी साफ नहीं है
    उसमें भी गंदी नाली का पानी है
    बेईमानी ठाठ से ठाठें मार रही है
    साठ साल की संसद की कहानी है

    दारी हो या गारी हो
    बेईमानी की पहरेदारी है
    बेईमानी के साथ गठबंधन
    उनका जिनकी सीरत बारी है।

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  22. सभी का आभार...!
    ईमानदारी जिंदाबाद !

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  23. ....ईमानदारी को बेईमानों की जूती बनने से बचाया जाए ....|

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