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23 जुलाई 2011

सैम अंकल ,इतना दबाव ठीक नहीं !


आप तो इस दुनिया के प्रभु-देश हो और अपने भक्तों के लिए आप यह क्या करने जा रहे हैं? आपकी विदेश मंत्री ने अपनी भारत-यात्रा पर हमारे देश का ज़बरदस्त समर्थन किया है! उन्होने हमारे हुक्मरानों को भरपूर आश्वस्त किया है कि वे कतई परेशान न हों,ख़ुद अमेरिका उनकी परेशानी को समझता है और इसलिए वह पाकिस्तान पर आतंकवाद के मुद्दे पर अपना दबाव और बढ़ाएगा!पर इसके उलट  मैं इतना ज़रूर आपसे कहूँगा कि  पाकिस्तान पर अपना दबाव न बढ़ाए नहीं तो कहीं ऐसा न हो कि आपके  अधूरे काम में ही  बाधा पड़ जाए!

सैम अंकल! आपको अपने आर्थिक हितों के ही बारे में सोचना चाहिए .अगर ज़्यादा दबाव पड़ा तो फिर हथियारों की होड़ ख़त्म हो जाएगी, आपका पाला-पोसा बालक जवान होने से पहले ही निपट जाएगा. वैसे भी 'ओसामाजी' के जाने के बाद वहाँ के रहनुमा भारी सदमे में हैं.इस मौक़े पर यदि भारत के नाम पर उस पर दबाव पड़ा तो आपका 'क्रीड़ा-स्थल' तो पूरी तरह से चौपट हो जाएगा! यह अपील तो हम आपसे आम लोगों की तरफ़ से कर रहे हैं और रही बात हमारी सरकार की तो उसने कभी-भी आपको निराश नहीं किया है.पूर्व में जब भी कुछ हुआ है तो आपको फ़ोन कर या चिट्ठी लिखकर सूचित किया गया है. चाहे संसद पर हमला हो या मुम्बई पर ,हमारी हर सरकार ने आपके हितों की रक्षा की है.इसी परम्परा के निर्वहन हेतु हम आपसे प्रार्थना करते हैं कि आप उन्हीं पर ड्रोन  का हमला करें ,जो सीधे आपकी संप्रभुता पर चोट करते हैं!

आशा है,हमारी इस अपील और आग्रह पर आप अमल करेंगे और ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे बेचारे पाकिस्तान को अपना 'मूल-धर्म' त्यागना पड़े!


12 टिप्‍पणियां:

  1. सैम को पाक के न्यूक से डर लगता है न कि तालिबान से :)

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  2. काहे घबड़ाय रहे हो, पँडित जी ?
    निशाखातिर रह्यौ, ई ससुरे जौन कहत हैं, ओहिका उल्टे करत हैं ।
    इनके रमैनिया में लिखा है... अड़ी फटी होय तौ हिरदयै उपजै प्रीती... मुला बिनु स्वारथ हम कतहूँ न मूती :)

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  3. हमारी इस अपील और आग्रह पर आप अमल करेंगे और ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे बेचारे पाकिस्तान को अपना 'मूल-धर्म' त्यागना पड़े!

    अमेरिका और पाकिस्तान दोनों का धर्म एक दूसरे से जुड़ा हुआ है. दोनों एक दूसरे के धर्म के पोषक है.

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  4. हमारी इस अपील और आग्रह पर आप अमल करेंगे और ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे बेचारे पाकिस्तान को अपना 'मूल-धर्म' त्यागना पड़े!

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  5. सब टाइम टाइम की बात है.
    वर्ना.....

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  6. अब जब उन्हें अंकल मान ही लिया है तो उनकी बातों का कुछ लिहाज तो करना ही पड़ेगा न!

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  7. सही है ... किसी को उसके धर्म से भटकाना ठीक नहीं ...

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  8. आराम से रहिये, ये सैम ससुर बोलने और करने में कितना फ़ासला रखना है, बड़े अच्छे से जानते हैं! हथियार न बिके तो इनके कुकुरमछिया काटै लगती है!

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