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प्रिंट मीडिया में बैसवारी
बेटे की तूलिका
टेढ़ी उँगली
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25 जुलाई 2007
मुज़रिम
छुप छुप के तुम्हें देखना यदि ,वाकई ज़ुर्म है ,
तो ये गुनाह हमने कई बार किया है !
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