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16 मार्च 2014

चुनावी-होली !

लोटा उठाने के दिन आ गए हैं,
नोटा दबाने के दिन आ गए हैं ।
 

मोहब्बत जो दिल में रही आप से,
दुख है, भुलाने के दिन आ गए हैं ।
 

हुई बंद शहनाई बिस्मिल्ला खां की,
तुरही बजाने के दिन आ गए हैं ।

बहुत पढ़ लिए पैगामे-मोहब्बत,
दिलों को जलाने के दिन आ गए हैं ।

हर हर महादेव,भोले को भूले,
मोदी बनाने के दिन आ गए हैं ।

होली चुनावों के मौसम जो आई,
गर्दा उड़ाने के दिन आ गए हैं।

उनकी नजर से कब तक बचोगे,
पहाड़े पढ़ाने के दिन आ गए हैं।

4 टिप्‍पणियां:

  1. जय हो, दिन तो आते ही हैं, किसी न किसी के। जिये जायें।

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  2. पहाड़े पढ़ाने के दिन आ गए हैं।

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    रंगों के पावन पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  4. अगर महादेव काम न आये तो मोदी काम आ जाए शायद ...ये दो हज़ार वर्षों की गुलामी से मुक्ति का शायद साधन बन जाए. वैसे संभावना क्षीण ही है .. बहुत सुन्दर प्रस्तुति .. .. आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें ..

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