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13 नवंबर 2012

इनकी दीवाली,उनकी दीवाली !

 
 
दिया जले बाज़ार में,हरिया घर अंधियार
महलों की फुलझड़ी से ,वो पाए उजियार  । 

दीवाली रोशन करे,उम्मीदों के दीप। 
सुखिया मोती ढूँढता,खाली मिलता सीप

सजनी बाती बाल के,जले नेह के संग
जाने कब वो आएँगे,सुलग रहे सब अंग ।३।   

पाहुन हैं परदेस में,सौतन लक्ष्मी साथ । 
घर की लक्ष्मी थापती,दरवाजे पर हाथ  ।४

दीये की लौ दे रही,अलग-अलग सन्देश । 
सुखिया दुःख में ही रहे,हो अमीर का देश ।५

दीवाली है किशन की,खड़ा सुदामा दूर ।
चकाचौंध में देखता, महल,झोपड़ी, घूर ।६ ।

14 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसूरत दोहों की प्रस्तुति,,,

    दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ,,,,
    RECENT POST: दीपों का यह पर्व,,,

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  2. दीपोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएँ!


    सादर

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  3. दीपोत्सव पर्व के अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ....

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  4. बढ़िया दोहे...
    दीपोत्सव की अनेक शुभकामनाएँ...

    सादर
    अनु

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  5. रौशनी और खुशियों के पर्व "दीपावली" की ढेरों मुबारकबाद!

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  6. सभी दोहे सार्थक ...अंतिम बहुत पसंद आया ...

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  7. बेह्तरीन अभिव्यक्ति .बहुत अद्भुत अहसास.सुन्दर प्रस्तुति.
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को !

    मंगलमय हो आपको दीपो का त्यौहार
    जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
    ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
    लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

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  8. सोचने की बात है, प्रकाश कोई भे नहीं करता फिर हम क्यों करें

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  9. दीवाली मे दीन को खूब याद किया आपने।

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  10. संतोष त्रिवेदी जी
    बहुत अच्छे दोहे लिखे हैं आपने ।
    आपके दोहों में यथार्थ है…

    मैंने भी बहुत पहले इन भावों को दोहों में ढाला था ।
    राजस्थानी में लिखे इन दोहों को देखें इस लिंक पर -
    दीयाळी रा दिवटियां ! थां’री के औकात ?

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