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19 अक्तूबर 2012

नई प्रार्थना !

हे दुर्गा  !
कभी उनका भी करो मर्दन
फाड़ दो छाती जो चौड़ी है दंभ से
पी रहे दिन-रात लहू हम सभी का
बनकर रक्तबीज
जो बढ़ रहे हर रोज़
क्या तुम भी इन्हें देखकर सहम गई हो ?

हे काली !
कभी आओ बन के कहर
कलियुग के असुरों पर ,
टूट पड़ो अचानक
भर लो अपना खप्पर
दिखा दो कि संज्ञाशून्य नहीं हो तुम
या किस प्रलय की प्रतीक्षा है ?

हे शंकर !
बजा दो डमरू
इन बहरे कानों पर
दिखा दो तांडव
कर दो रक्त-रंजित आसुरी-राज
मचा दो प्रलय
बेध दो त्रिशूल से
इनके दर्पयुक्त  माथे
बन जाओ शिव
या ऐसे ही मारे जायेंगे तुम्हारे भक्त ?

हे साईं  !
कभी उन पर दया मत करो
जो चढाते हैं तुम पर करोड़ों
बनाते हैं मोटा माल
और हड़पते हैं दूसरों का हिस्सा
अपना हाथ हटा लो
ऐसे न बांटो बख्शीश
तुम्हें देकर रिश्वत
वे पा रहे हैं अभयदान
तुम्हारा भक्त आज क्यों है सवाली ?

 

16 टिप्‍पणियां:

  1. यह नयी प्रार्थना कहाँ ? न जाने कितने लोगों के मन में ऐसी प्रार्थना सुगबुगा रही है ....

    काश इनमें से एक भी अवतार कोई प्रार्थना सुन ले .... बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति

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  2. ye to jan-jan ka prarthana ban chuka hai........aapne bole diye aapka abhar.......


    pranam.

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  3. हम सबकी भी यही प्रार्थना है | इनमे से एक भी प्रार्थना ईश्वर सुन ले तो देश का कल्याण ही हो जाये |

    जवाब नहीं मिलता

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  4. निर्णय ले लो, घड़े भरने की प्रतीक्षा बहुत हो चुकी है।

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  5. इस प्रार्थना में ही जीवन का सत्य है
    http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/10/blog-post_19.html

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  6. इन सवालों का ज़वाब तो जिनसे पूछा है , उनके पास भी नहीं है.

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  7. अभी तो "सच्चे भक्तों" ने शोर मचा रखा है...
    अपनी अर्जी थोड़ा ठहर के लगाइए....अभी पुकार कोई सुनेगा नहीं.

    सादर
    अनु

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  8. बहुत ओज है इस प्रार्थना में। आक्रांत मन की चीत्कार..आमीन।

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  9. नव देवि आराधना,न मंत्रम न जंत्रं तदपि न जाने स्तुति महो

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  10. ......ये देवी-देवता कुछ नहीं करेंगे ! जो भी कुछ करना है , हम-आपको ही करना होगा !

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  11. बंदे न होगें जितने खुदा है खुदाई में
    किस-किस खुदा के सामने सिज्दा करे कोई,,,,

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  12. क्या खूब! अब तो भगवान को भी किसी और का इंतज़ार है लगता है..
    पता नहीं यह प्रार्थना सुनेंगे की नहीं..

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  13. बहुत ही अच्छी प्रार्थना है ....
    सुन्दर और सार्थक...
    जरुर पूरी हो यही कामना है....
    :-)

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