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5 अप्रैल 2012

प्यार और प्यार !

प्यार सत्य है,
प्यार मुक्ति है,
इच्छाओं से विरक्ति,
प्यार शक्ति है.
प्यार है इबादत
ईश्वर का है उपहार,
प्यार है भरोसा 
तक़दीर है ये प्यार .
प्यार ज़िन्दगी है
प्यार करम है,
प्यार है मुक़म्मल 
प्यार धरम है.
प्यार आरजू है 
प्यार इंतज़ार,
प्यार बेखुदी है
दीवानगी है प्यार ,
प्यार रोशनी है
ये सदाबहार.
प्यार अंतहीन है
प्यार बेहिसाब,
प्यार देवदूत है
प्यार है अवतार,
प्यार माँगता नहीं
मिलता नहीं है प्यार,
प्यार है ईमान
बँटता नहीं है प्यार .
प्यार का हासिल नहीं 
इसकी नहीं मियाद,
अहसास में है बसता
करता लहू से याद.
प्यार आसमान है 
प्यार है परिंदा,
यह फ़सल किसान की
उम्मीद उसकी ज़िन्दा.
प्यार बेसबब
बेगुनाह है प्यार,
प्यार है एहसास,
रूठना-मनुहार .
प्यार है बेदाग़
निर्मल बहता नीर सा,
प्यार है बौछार
दिल में लगे तीर का.
प्यार  है मरहम
बड़े घाव का,
प्यार है ख़ामोशी
प्यार इम्तहान है,
प्यार के असर से
आदमी,इंसान है !
यह अबोध-शिशु है
प्यार है निर्दोष,
प्यार तिज़ारत नहीं
प्यार है संतोष !

31 टिप्‍पणियां:

  1. प्यार तिज़ारत नहीं
    प्यार है संतोष !

    ....बहुत सच...सुन्दर प्रस्तुति...

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  2. ज़रा उस गली का पता बताएं , जहाँ ऐसा प्यार मिलता हो । :)

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  3. प्यार खिचड़ी है...........................
    भावनाओं की..
    :-)

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  4. यह इश्क ही कुछ और है
    कुछ और भी तो इश्क है

    जो समझ गया वही नहीं
    जो 'और' है वही इश्क है।

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    उत्तर
    1. वास्ते प्यार है संतोष , अरे भाई ...

      प्यार अली मिश्रा पाण्डेय भी है :)

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    2. वाह ! अली सा ! सही कहा..

      जो लिख रहे, जो पढ़ रहे
      उनमे भी परस्पर प्यार है।

      उसने कहा, नफरत किया
      मैने कहा, तेरा प्यार है।

      यार ! प्यार और प्यार मे
      यह 'और' भी तो प्यार है।

      जो समझ गया वही नहीं
      जो और है वही प्यार है।

      हटाएं
    3. प्यार है अरविन्द,जिसमें मंडराए अली.....!

      हटाएं
  5. प्यार क्या है,दर्शाती बहुत सुंदर रचना,अच्छी प्रस्तुति,..

    MY RECENT POST...फुहार....: दो क्षणिकाऐ,...

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  6. यह फ़सल किसान की
    उम्मीद उसकी ज़िन्दा.

    सुंदर बिम्ब ...सुंदर सोच ...सुंदर रचना ...!!
    शुभकामनायें ...!

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  7. @प्यार तिज़ारत नहीं, प्यार है संतोष!
    :)

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  8. कुछ लोग प्यार में खार खाते हैं ..कुछ खौरिया जाते हैं ....
    खौरियाये कुकुर तो फिर भी चल जाते हैं खौरियायाई कुतिया बहुत दुरदुराई जाती है ..
    ओह ओह सारे सारी यह कहीं और का कमेन्ट यहाँ लिखा गया ..पर रहने दीजिये यहीं ..
    और हाँ तक़रीर प्यार पर सचमुच जोरदार है !

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  9. बेहद शानदार प्यार है वैसे प्यार ही सब कुछ रह गया है आज कल

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  10. बहुत ख़ूबसूरत, बधाई.

    कृपया मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नयी पोस्ट पर भी पधारें, आभारी होऊंगा.

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  11. मैंने लिखा था- प्यार "यहाँ जो मर्जी आए भर लें" है। पिछले कॉमेंट में बीच वाले हिस्से को गूगल ने एचटीएमएल टैग समझ कर उड़ा दिया :)

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  12. प्यार है संतोष !
    त्रिवेदी कहां छूट गया। :)

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  13. एक बेहद रोचक, और सारगर्भित कविता। इसके पहले गुल्ज़ार साहब की एक नज़्म पढ़ी थी, आज यह। इस कविता को पढ़कर वह याद आ गई ..

    प्यार अहसास है
    प्यार कोई बोल नहीं, प्यार आवाज़ नहीं
    एक ख़ामोशी है, सुनती है, कहा करती है।
    न यह बुझती है, न रुकती है, न ठहरी है कहीं
    नूर की बूंद है, सदियों से बहा करती है। ---

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  14. प्यार की तो पूरी दुनिया है आपके यहाँ त्रिवेदी जी, अच्छी कविता के लिए बधाई ले लीजिए।

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  15. इस ढाई अछर प्यार में तो अपने पूरी दुनिया ही बसा दी है....
    बहुत ही बेहतरीन रचना....

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  16. प्यार एक बेहद खूबसूरत एहसास जिसे शब्दों में नहीं बांधा जा सकता ....
    जिसने जिया , खामोश रहा !

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  17. प्यार प्यार प्यार प्यार प्यार ... चाहिए थोडा सा ... थोडा प्यार चाहिए ...
    शोध कर दिया आपने तो ... बहुत खूब ..

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