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1 फ़रवरी 2009

कलियुग की सेनाएं !

हमारे देश में राम को भगवान्
और मर्यादा पुरुषोत्तम माना जाता है,
रामराज की परिकल्पना
एक अच्छा भाव जगाता है।

पर ,यह सब बीते दिनों की बातें लगती हैं,
अब तो भगवान् को भी राजनीति में घसीटा जा रहा है।
किसी दिन सुनाई देगा कि किसी शिवसेना,रामसेना ने ,
हमारे प्रभु को अपने दल में शामिल कर लिया है,
और प्रभु के भक्त यूँ ही देखते रह जायेंगे!
हमारा डर झूठा नहीं है ,
इसे हम समझाए दे रहे हैं;

त्रेता में राम की एक वानर सेना थी,
जिसने धर्म की लड़ाई भी न्याय से लड़ी ,
बुराई पर अच्छाई को जीत मिली,
पर उन्हीं राम के तथाकथित चेलों ने
शिवसेना और रामसेना बनाकर
सारे देश में ऊधम मचाया है,
मन्दिर-मस्जिद के नाम पर
हमारे मनों में रक्तबीज उगाया है।

अब तो सब कुछ उल्टा हो रहा है,
वानर सेना के वानरों ने उत्पात मचाने के बजाय ,
अनुशासन से काम लिया था,
पर आज शिव तथा राम के नाम पर बनने वाली सेनाएं
बंदरों जैसा काम कर रही हैं ,
और हाँ ,वह इसी तरह अपने धर्म को बचा रही हैं ।
इनसे तो वे इंसान-नुमा जानवर ठीक थे !

काश !यह बात ,
इन कलियुगी सेनाओं के जानवर- नुमा इंसान समझ पाते!


3 टिप्‍पणियां:

  1. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य
    टिप्पणियां भी करें

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  2. minferssvagat!
    sambhavanaon ke sath prateeksha hai age ki!


    http://samaysrijan.blogspot.com

    http://swarsrijan.blogspot.com

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  3. आपकी काव्य रचना प्रभावित करती है और कथ्य भी -भाई रामराज्य की प्रतीक्षा तो सभी को है आये या फिर गुजरे दिनों की बात ही रह जाए !

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