यार, हम बैसवारा के अहिन औ बहुत दिनन ते सोचित अहिन कि अपनी बोली मा कुछु लिखी मुदा आजु मौका मिला है । सबते पहिले यहि बोली क पहिचान देवावै के बरे रमई काका यानी चंद्रभूषण त्रिवेदी क यादि करिथ.हमार बैसवारा राजा राव रामबख्श सिंह,महावीर प्रसाद द्विवेदी ,निराला,राणा बेनी माधव ,पंडित रघुनन्दन प्रसाद शर्मा ,काका बैसवारी ,चंद्रशेखर आजाद ,लल्लू बाजपेई, शिव बहादुर सिंह भदौरिया अउर न जाने केतनी विभूतिन ते भरा परा है ,अगर कभी मौका मिला तो सारी लिस्ट गिना द्याबै.अब जब शुरुआत होइ चुकी है तो हम सब बैसवारा प्रेमिन ते विनती करिथ कि उनके पास जौनि जानकारी होय वहिका स्वागत है .
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