tag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post3662445939077255276..comments2023-10-20T18:30:34.424+05:30Comments on बैसवारी baiswari: खुरपेंचिया ब्लॉगर अनूप शुक्ल जी !संतोष त्रिवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comBlogger109125tag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-35706343572591149892013-09-25T10:50:14.097+05:302013-09-25T10:50:14.097+05:30आज इस पोस्
ट की टिप्पणियां फिर पढ़ीं.
जब पि...आज इस पोस्<br />ट की टिप्पणियां फिर पढ़ीं.<br /><br />जब पिछली बार यहां आया था तब से अब तक बहुत पानी बह गया ..Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-23720439436617819562013-04-19T00:37:33.547+05:302013-04-19T00:37:33.547+05:30खिंचाई करने की कोशिश अच्छी थी पर इसमें भी सारा आकर...खिंचाई करने की कोशिश अच्छी थी पर इसमें भी सारा आकर्षण अनूप शुकुल ही ले गये |धीरे धीरे टिप्पणी करने वाले भी अनूप जी के पक्ष में ही सॉफ्ट कोर्नर होते दिखे हो सकता है कि शायद ये फुरसतिया या खुरपेचिया का आतंक हो :) हाँ कुछ टिप्पणीकार उनके पक्ष में मजबूती से खड़े दिखाई दिये ,विपक्ष वाले तो अपनी टिप्पणी के अंत ताक आते आते पिघलने लगे बाद में संतोष जी भी बात बराबर करते दिखे | कुल मिला के बाज़ी फुरसतिया उर्फ खुरपेचिया के पक्ष में ही दिखी वो अपनी खिचाई से भी कमाई कर ले गये |निठल्ल चिंतनhttps://www.blogger.com/profile/13826551827961045383noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-59252378165006671562013-04-19T00:17:22.489+05:302013-04-19T00:17:22.489+05:30खिंचाई करने की कोशिश अच्छी थी पर इसमें भी सारा आकर...खिंचाई करने की कोशिश अच्छी थी पर इसमें भी सारा आकर्षण अनूप शुकुल ही ले गये |धीरे धीरे टिप्पणी करने वाले भी अनूप जी के पक्ष में ही सॉफ्ट कोर्नर होते दिखे हो सकता है कि शायद ये फुरसतिया या खुरपेचिया का आतंक हो :) हाँ कुछ टिप्पणीकार उनके पक्ष में मजबूती से खड़े दिखाई दिये ,विपक्ष वाले तो अपनी टिप्पणी के अंत ताक आते आते पिघलने लगे बाद में संतोष जी भी बात बराबर करते दिखे | कुल मिला के बाज़ी फुरसतिया उर्फ खुरपेचिया के पक्ष में ही दिखी वो अपनी खिचाई से भी कमाई कर ले गये |निठल्ल चिंतनhttps://www.blogger.com/profile/13826551827961045383noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-85715201095603799942012-07-30T20:55:49.063+05:302012-07-30T20:55:49.063+05:30सुन्दर परम्परा .सुन्दर परम्परा .सत्य गौतमhttps://www.blogger.com/profile/11175275197788938243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-84486195187260747392012-06-28T22:12:12.386+05:302012-06-28T22:12:12.386+05:30डा.अरविन्द मिश्र ने कहा:
हाँ जब वे मुझे वैज्ञानिक ...डा.अरविन्द मिश्र ने कहा:<br /><b>हाँ जब वे मुझे वैज्ञानिक चेतना संपन्न कहते हैं तो मेरी सुलग जाती है :) </b><br /><br />सवाल-जबाब के बहाने इस तथ्य की पुष्टि हो गयी। सही ही है कौन अपने बारे में झूठे आरोप सहन करेगा। यह आप का ही जिगरा था जो आप इतने दिन तक वैज्ञानिक चेतना संपन्नता का आरोप झेलते रहे। <br /><br />अब इस मुद्दे पर हम कुछ न कहेंगे। आपको जो कहना हो कहिये। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-887789434824919602012-06-27T19:11:36.079+05:302012-06-27T19:11:36.079+05:30संजय जी,
बहुत खींच तान के देखा था , वो (२५ जून) र...संजय जी, <br />बहुत खींच तान के देखा था , वो (२५ जून) रात बारह बजे के बाद हौसला छोड़ बैठती है सो मैंने भी समय लिखने की हिम्मत नहीं करी :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-28595362474208449962012-06-27T17:42:49.779+05:302012-06-27T17:42:49.779+05:30अभी भी कसर छोड़ दिए अली साहब, समय और लिखना चाहिए थ...अभी भी कसर छोड़ दिए अली साहब, समय और लिखना चाहिए था:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-75982346809218474272012-06-27T16:33:02.616+05:302012-06-27T16:33:02.616+05:30@अनूप शुक्ल ,
आईये आपको आज वैज्ञानिक चेतना के वारे...@अनूप शुक्ल ,<br />आईये आपको आज वैज्ञानिक चेतना के वारे में कुछ शिक्षित करते हैं -<br />१-वैज्ञानिक चेतना एक पद्धति का अनुसरण करती है जिसे वैज्ञानिक पद्धति या विज्ञान पद्धति कहते हैं .<br />२-इसके जरिये किसी संकल्पना/वक्तव्य को जांचा जाता है और निष्कर्ष पर पहुंचा जाता है .<br />आईये आपके दावे को पुनः इस पद्धति की कसौटी पर कसते हैं .<br />मैंने कहा था साईब्लाग विज्ञान संचार को समर्पित पहला ब्लॉग है <br />आपने दन से प्रतिवाद कर कहा कि साईब्लाग नहीं ज्ञान विज्ञान(http://vigyaan.blogspot.in/2010/06/moved-to-wordpress.html)पहला ब्लॉग है -तब आप यह बात छुपा लिए थे कि वह समूह ब्लॉग है न कि एकल और आप भी उसके सदस्य हैं .<br />आईये अब आपके इस दावे को विज्ञान की पद्धति पर देखा जाय (जो मैंने देख लिया था विज्ञान पद्धति से अनुशासित होने के कारण ) <br />१-दिए लिंक पर पहुँचने पर सामने उद्घोषणा मिली ब्लॉग मुखिया की -<br />मंगलवार, जून 15, 2010<br />Moved to Wordpress<br />New location is on http://ashishuvaach.wordpress.com<br /><br />प्रेषक: Ashish Garg समय: 12:39 पूर्वाह्न२-<br /><br /><br /><br /><br />२-स्पष्ट है ब्लॉग माडरेटर (मुखिया ) ने ब्लागस्पाट के ब्लॉग को नए लोकेशन पर जानी की बात कही है .हम नए लोकेशन पर गए .<br />३-यहाँ पहुँच कर यह घोषणा मिली -<br />ashishuvaach.wordpress.com is no longer available.<br />The authors have deleted this blog.<br /><br /><br />३-अब जब मैंने यह जानकारी दी तब आपका खुराफाती शातिर दिमाग जिसके कारण आप पूरे ब्लॉग जगत में सन्नाम हैं ,सक्रिय हो गया .<br />४-आपने ब्लॉग को जबरदस्ती जिन्दा दिखाने के लिए २५ जून को खुद एक पोस्ट ब्लागस्पाट पर डाली ....और यह साबित करने का प्रयास किया कि यह सक्रिय है .<br />निष्कर्ष : आपके दावे की पोल खुल गयी है .साई ब्लॉग एकल ब्लॉग है और अभी भी उसका पहला होना बरकरार है .<br />वैज्ञानिक मनसा व्यक्ति ऐसी धोखाधड़ी ,शातिरपना नहीं दिखाता.<br />कौन पहला है कौन बाद का मुद्दा यह नहीं है .विज्ञान के सारे ब्लॉग मुझे प्रिय हैं मगर ज्ञान विज्ञान तो महज विज्ञान का भी ब्लॉग नहीं लगता ..इसमें आप सरीखों ने कई 'ज्ञान' की बातें घुसेड़ी हैं -यह विशिष्ट ज्ञान =विज्ञान का ब्लॉग है भी नहीं ..<br />किसी ब्लॉगर को लेट डाउन करने के लिए अर्धसत्य और दुरभि संधियों ,धोखे आदि की जगाहन वैज्ञानिक चेतना संपन्न ब्लॉगर में नहीं होती -आप अपनी व्यंग चेतना बनाए रखिये .....और एक अच्छा व्यक्ति बनिए ..लेखक तो काम भर के हो गए हैं ..मगर खुरपेंच खुरापातों से बाज आईये !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-6342776888032818052012-06-27T15:26:49.580+05:302012-06-27T15:26:49.580+05:30पहलौटेपन के चक्कर में और कितना संशोधित करवाइयेगा म...पहलौटेपन के चक्कर में और कितना संशोधित करवाइयेगा मेरी टिप्पणी को , भाई लोग ! चलिये एक संशोधन और सही :)<br /><br /><br />"निष्क्रिय पड़े ब्लागस्पाट" के स्थान पर "पच्चीस जून तक निष्क्रिय पड़े ब्लागस्पाट" पढ़ा जायेउम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-2658857399305875712012-06-27T13:34:58.862+05:302012-06-27T13:34:58.862+05:30अनूप जी,अब मामले को व्यक्तिगत स्तर तक न ले जाएं.खु...अनूप जी,अब मामले को व्यक्तिगत स्तर तक न ले जाएं.खुरपेंच खत्म करके अब खुराफात न शुरू कीजिये.<br />कृपया हँसी-ठिठोली को इतना न खींचें कि मामला रंजिश का हो जाय !मिश्रजी से मैं यही निवेदन करूँगा कि वे इस तरह के उकसावे में न आकर शांत रहें !<br /><br />...दोनों वरिष्ठ ब्लॉगर हैं,इस नाते ही सही बडप्पन दिखाएँ ! <br />आभारसंतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-61625455443418804232012-06-27T13:29:00.387+05:302012-06-27T13:29:00.387+05:30अपने खूनी दबाब (BP) के शिकंजे फ़ंसी धन्य है वैज्ञान...अपने खूनी दबाब (BP) के शिकंजे फ़ंसी धन्य है वैज्ञानिक चेतना। समझना भी नहीं चाहती <br />इस बारे में टिप्पणियां देखिये वैज्ञानिक जी। <br />ब्लॉगस्पॉट पर ज्ञान-विज्ञान चिट्ठा है।<br />वह वर्डप्रेस पर गया इसका मतलब थोड़ी है कि ब्लॉगस्पॉट वाले का टेंटुआ दबा गया।<br />वर्डप्रेस पर अपडेट नही है तो इसका मतलब थोड़ी कि ब्लॉगस्पाट मर गया। ब्लॉग स्पॉट पर ज्ञान-विज्ञान ब्लॉग सामूहिक ब्लॉग है जिसका मैं भी एक सदस्य हूं -तब से जब न साई ब्लॉग (जिसके सबसे पहला विज्ञान ब्लॉग कहने की बात से यह चर्चा शुरु हुई) पैदा हुआ था न उससे जुड़े कोई अन्य ब्लॉग। <br /><br />यही बात मैंने पहले भी कही- <b>१. ज्ञान-विज्ञान जो ब्लॉग वर्डप्रेस पर नहीं है ब्लॉगस्पाट पर है। वह मरा भी नहीं है। कभी भी उसमें फ़िर से पोस्टें शुरु हो सकती हैं। </b> <br /><br />उस पर आप कहते हैं-<b>http://vigyaan.blogspot.in/<br />यहाँ पहुँचिये तो ब्लॉग को डिलीट करना बताया गया है<br />मगर फिर भी अनूप जी अपनी ही बात दोजे हुए हैं ...</b><br /><br />इस पर मैंने उसे अपडेट करके एक ठो पोस्ट डाली। उसके बारे में बताया। <br /><br />इस पर आप लिखते हैं:<br /><b>एक वैज्ञानिक चेतना संपन्न व्यक्ति और एक धूर्त व्यग्कार का यही फर्क है !<br />और यही है आपका असली चेहरा ?<br />मूर्ख किसे बना रहे हो?</b><br /><br />ये कैसी वैज्ञानिक चेतना है जो अपनी समझ के आगे कुछ समझना नहीं चाहती सिर्फ़ उखड़ना जानती है। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-30956700357403507052012-06-27T12:17:27.145+05:302012-06-27T12:17:27.145+05:30वाह ! यह भी खूब रही .....
बहुत खूब...वाह ! यह भी खूब रही .....<br />बहुत खूब...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-35956969409335209722012-06-27T09:37:50.264+05:302012-06-27T09:37:50.264+05:30ए. टी.एम. मतलब पैसा निकालने की मशीन
मंगलवार, जून 2...ए. टी.एम. मतलब पैसा निकालने की मशीन<br />मंगलवार, जून 26, २०१२<br />प्रेषक: अनूप शुक्ल समय: 2:12 पूर्वाह्न<br /><br />अपनी बात साबित करने के लिए यह धूर्तता भरा तरीका निकला आपने ?<br />खुद ही पोस्ट प्रेषित कर दी अपडेट पोस्ट दिखाने के लिए <br />एक वैज्ञानिक चेतना संपन्न व्यक्ति और एक धूर्त व्यग्कार का यही फर्क है ! <br />और यही है आपका असली चेहरा ?<br />मूर्ख किसे बना रहे हो?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-1449475688942244272012-06-27T09:25:43.350+05:302012-06-27T09:25:43.350+05:30@@अनूप शुक्ल
वैज्ञानिक चेतना संपन्न व्यक्ति धूर्त...@@अनूप शुक्ल <br />वैज्ञानिक चेतना संपन्न व्यक्ति धूर्त नहीं होता -आप जिस ब्लागस्पाट ब्लॉग के बारे में बार बार <br />अपनी बात पर अड़े हुए हैं वहां साफ़ लिखा हुआ है कि वह वर्डप्रेस पर चला गया है ..वहां पहुँचिये तो <br />यह वहां से डिलीट होना बताया गया है ..<br />अब भी ब्लागस्पाट पर बिना अपडेट हुए पड़ा है .<br />इसमें ऐसी कौन सी बात है जिसके लिए वैज्ञानिक चेतना सम्पन्नता की बात कही जाय :) <br />बात वही है मनुष्य अपनी फितरत से बाज नहीं आता ..<br />आप क्या फ़तवा देनें या साबित करने की कोशिश में लगे हैं ?<br />आपने अपनी उपाधि को सचमुच सार्थक कर दिया है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-28675029316181921422012-06-27T08:46:35.907+05:302012-06-27T08:46:35.907+05:30खुरपेंच पे बढ़िया खुरपेंच :)खुरपेंच पे बढ़िया खुरपेंच :)कमल कुमार सिंह (नारद )https://www.blogger.com/profile/16086466001361632845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-34005238461242222782012-06-26T15:05:23.244+05:302012-06-26T15:05:23.244+05:30आपको पांच साल कुछ महीने हो गये ब्लॉगिंग करते हुये ...आपको पांच साल कुछ महीने हो गये ब्लॉगिंग करते हुये लेकिन ब्लॉग के बारे में जानकारी शायद उतनी है जितनी विज्ञान के बारे में। मतलब अब आपको <b>वैज्ञानिक चेतना संपन्न ब्लॉगर </b>के साथ <b>ब्लॉग चेतना संपन्न वैज्ञानिक </b>भी कहा जा सकता है। :)<br /><br />मैंने लिखा था:<br /><br /><b>१. <a href="http://vigyaan.blogspot.in" rel="nofollow">ज्ञान-विज्ञान</a> जो ब्लॉग वर्डप्रेस पर नहीं है ब्लॉगस्पाट पर है। वह मरा भी नहीं है। कभी भी उसमें फ़िर से पोस्टें शुरु हो सकती हैं।</b> <br /><br />अली जी ने इसके बाद अपनी पहले की टिपपणी में संसोधन भी जारी किया:<br /><br /><b>"मृत हो चुके वर्डप्रेस" के स्थान पर "निष्क्रिय पड़े ब्लागस्पाट" पढ़ा जाये !</b><br /><br />लेकिन आप अपना ही बाजा बजाये जा रहे हैं। देखिये <a href="http://vigyaan.blogspot.in" rel="nofollow">ज्ञान-विज्ञान</a> ब्लॉग पर नयी पोस्ट:<br /><br /><a href="http://vigyaan.blogspot.in/2012/06/blog-post.html" rel="nofollow">ए. टी.एम. मतलब पैसा निकालने की मशीन </a>अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-37363435417332683802012-06-26T13:00:56.095+05:302012-06-26T13:00:56.095+05:30@ उदाहरण एक व्यक्ति से शुरू होता है , इसे व्यक्तिग...@ उदाहरण एक व्यक्ति से शुरू होता है , इसे व्यक्तिगत मान लेना समझ का फेर है <br /><br />satya vachan vani ji :)<br /><br />my previous comment is probably in spamShilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-62477319963801215382012-06-26T12:58:17.164+05:302012-06-26T12:58:17.164+05:30समूह एक व्यक्ति से शुरू होकर ही बनता है , इसलिए कई...समूह एक व्यक्ति से शुरू होकर ही बनता है , इसलिए कई व्यक्तिगत बातें मिलकर सामूहिक हो जाती है . उदाहरण एक व्यक्ति से शुरू होता है , इसे व्यक्तिगत मान लेना समझ का फेर है .वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-14671106669684442752012-06-26T12:24:15.017+05:302012-06-26T12:24:15.017+05:30पाबला जी,हँसी तो हमको भी तीन दिन से लगातार आ रही ह...पाबला जी,हँसी तो हमको भी तीन दिन से लगातार आ रही है या यूँ कहिये कि बंद ही नहीं हो रही है.ऐसा तब होता है जब 'कहीं पे निगाहें,कहीं पे निशाना'वाला सीन चल रहा हो !<br />@किसी टिप्पणीकार के मंतव्य पर कहना मेरे लिए उचित नहीं है<br /> <br />इस पर इत्ता ही कहूँगा कि आपसी रिश्तों की ठंडक को टीप से गरमाने का मेरा उद्देश्य नहीं था!<br /><br />...अब शिल्पाजी और वाणी जी को ही देख लीजिए,इन लोगों का मुख्य उद्देश्य था कि इस तरह की प्रवृत्ति ठीक नहीं है,पर मामला धीरे-धीरे 'व्यक्तिगत' हुआ जाता है!संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-39251103013759389022012-06-26T11:41:15.326+05:302012-06-26T11:41:15.326+05:30... पोस्ट के लेबल पर ही कुछ कह सकता हूँ,किसी टिप्प...<i>... पोस्ट के लेबल पर ही कुछ कह सकता हूँ,किसी टिप्पणीकार के मंतव्य पर कहना मेरे लिए उचित नहीं है</i><br /><br />हा हा हा<br />गज़ब है सर जी, आपका कथन और टिप्पणियों पर आपके प्रत्युतर देख कर हँसी आ गई :-)BS Pablahttps://www.blogger.com/profile/06546381666745324207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-53561349822822286992012-06-26T11:38:59.949+05:302012-06-26T11:38:59.949+05:30अगर पहले ही उनकी बात को कोट करके कह दिया जाता तो ज...अगर पहले ही उनकी बात को कोट करके कह दिया जाता तो ज्यादा अच्छा होता.अभी भी उस मसले पर हमें कुछ नहीं कहना जिससे मैं अनजान हूँ.संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-53450752792449148812012-06-26T11:37:03.051+05:302012-06-26T11:37:03.051+05:30जाने दीजिए वाणी जी
सोते हुए को जगाना आसान है, सोन...जाने दीजिए वाणी जी<br /><br />सोते हुए को जगाना आसान है, सोने का बहाना करने वालों को जगाना बहुत मुश्किल हैBS Pablahttps://www.blogger.com/profile/06546381666745324207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-65609067906904126052012-06-26T11:31:42.734+05:302012-06-26T11:31:42.734+05:30मेरी किस टिप्पणी में आपको पाबलाजी और अनुपजी के रिश...मेरी किस टिप्पणी में आपको पाबलाजी और अनुपजी के रिश्तों की गंध आ गाई?? मेरा मतलब उनकी टिप्पणी में चिट्ठाचर्चा पर डीलिट की गयी टिप्पणियों की ओर किया गया इशारा है .वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-51525620472132750322012-06-26T10:23:57.331+05:302012-06-26T10:23:57.331+05:30@पाबला जी ने भी अपनी टिप्पणी में यही बात कही है !
...@पाबला जी ने भी अपनी टिप्पणी में यही बात कही है !<br /><br />वाणी जी,मैं यहाँ पर पोस्ट के लेबल पर ही कुछ कह सकता हूँ,किसी टिप्पणीकार के मंतव्य पर कहना मेरे लिए उचित नहीं है.हो सकता है आप पाबलाजी और अनूप जी के आपसी रिश्तों के बारे में मुझसे बेहतर जानती हों !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-65694746036004136232012-06-26T10:23:05.784+05:302012-06-26T10:23:05.784+05:30इतनी शानदार जानदार बहस-
प्रवास पर था -
हाजिरी लगा ...इतनी शानदार जानदार बहस-<br />प्रवास पर था -<br />हाजिरी लगा रहा हूँ -<br /><br />सुरबाला ही धर सके, सर पर आला फूल |<br />खुर वाला खुरपेंच से, झोंके अंखियन धूल | <br />झोंके अंखियन धूल, हजारों रची कुंडली |<br />आलोचक हैं मूक, दीखती नहीं मंडली |<br />अहमक भाव अनूप, अहम् का पीकर हाला | <br />लांछित करके लेख, पूजता है सुरबाला ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com