tag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post8739354056223159376..comments2023-10-20T18:30:34.424+05:30Comments on बैसवारी baiswari: गुजरी हुई फिज़ा !संतोष त्रिवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-24903574236699563062012-03-29T18:13:35.605+05:302012-03-29T18:13:35.605+05:30पहली बार जाना कि सुवृद्धा भी होती है !
नाम आपको प...पहली बार जाना कि सुवृद्धा भी होती है !<br /><br />नाम आपको पता है !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-20572733898792995772012-03-29T18:11:51.525+05:302012-03-29T18:11:51.525+05:30आभार इस ठिठोली-पैरोडी का...!आभार इस ठिठोली-पैरोडी का...!संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-76532876460458361192012-03-29T17:06:59.391+05:302012-03-29T17:06:59.391+05:30कभी सोचता हूँ,क्या हूँ,
पुरनिया हूं कि नया हूँ .
...कभी सोचता हूँ,क्या हूँ,<br />पुरनिया हूं कि नया हूँ .<br /><br />अपने ग़मों से दूर होकर <br />दूसरे के ग़मों की वज़ह हूं <br /><br />ज़ुल्म के झपट्टे में <br />फंसता हुआ गवाह हूँ .<br /><br />अलग-थलग सा दिखा ड्रामा <br />जब उसके पास पर गया हूँ.<br /><br />अभी फिलहाल इतनी सी <br />पैरोडी बना सका हूं !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-19969787856770156292012-03-29T16:34:47.808+05:302012-03-29T16:34:47.808+05:30संतोष सह देवेन्द्र जी ,
मैं तो समझ रहा था कि फिज़ा...संतोष सह देवेन्द्र जी ,<br />मैं तो समझ रहा था कि फिज़ा किसी सुकन्या / सुप्रौढा / सुवृद्धा का नाम है ! बहरहाल नाम के भी अर्थ तो होते ही हैं ? सो हमें भी बताइये ?उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-53461557360709815752012-03-29T16:30:26.902+05:302012-03-29T16:30:26.902+05:30बहुत सही डाक्टर साहब :)
मैं भी इसी लाइन में सोच र...बहुत सही डाक्टर साहब :)<br /><br />मैं भी इसी लाइन में सोच रहा था कि चमन तो ठीक है पर उम्रदराज़ होकर गुज़री फिज़ा कौन है ? या फिर उम्रदराज़ ना होकर भी गुज़री तो भी ये फिज़ा कौन है ?उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-5856859606631561992012-03-29T09:45:09.119+05:302012-03-29T09:45:09.119+05:30अनूपजी,पर अपने को तो महसूस हो जाता है कि मैं अलग-थ...अनूपजी,पर अपने को तो महसूस हो जाता है कि मैं अलग-थलग या नया हूँ,इन सबसे जुदा हूँ.संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-60796883173110351792012-03-29T09:43:40.485+05:302012-03-29T09:43:40.485+05:30सलिलजी,ई वाली लाइन सबपे भारी है, बिलकुल 'गागर ...सलिलजी,ई वाली लाइन सबपे भारी है, बिलकुल 'गागर में सागर' की तरह !<br />आभार !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-17570521555711526952012-03-29T09:42:02.886+05:302012-03-29T09:42:02.886+05:30पहली बार का प्रयोग था,आशीर्वाद आपका !पहली बार का प्रयोग था,आशीर्वाद आपका !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-27972893795775486942012-03-29T09:41:22.885+05:302012-03-29T09:41:22.885+05:30अरविन्दजी से मुझे ज़्यादा उम्मीद नहीं थी क्योंकि इ...अरविन्दजी से मुझे ज़्यादा उम्मीद नहीं थी क्योंकि इस समय वह निर्वात की स्थिति से गुजर रहे हैं. निर्वात से निर्वाण तक की दूरी ज़्यादा नहीं होती !<br /><br /><br />...देवेंद्रजी,फिजा का अर्थ आप समझ रहे हैं,अभी तो आपके चमन से गुजरी है !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-70827775431235677692012-03-29T09:38:04.624+05:302012-03-29T09:38:04.624+05:30भाई देवेन्द्र जी...यहाँ कभी खुशी ,कभी गम वाला मसला...भाई देवेन्द्र जी...यहाँ कभी खुशी ,कभी गम वाला मसला है ! आपने हवा और फिजा दोनों रूपों को समझा है.<br />जीवन का यथार्थ दिखाने की कोशिश,कुछ पाने से ज़्यादा महसूसने की चीज़ !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-73527027142705922202012-03-29T08:21:37.751+05:302012-03-29T08:21:37.751+05:30खूबसूरत....
सादर।खूबसूरत....<br />सादर।S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-2929846274389610542012-03-29T08:19:31.780+05:302012-03-29T08:19:31.780+05:30एक आग का दरया है और डूब के जाना है! :)एक आग का दरया है और डूब के जाना है! :)Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-48478136585938584242012-03-29T06:19:30.997+05:302012-03-29T06:19:30.997+05:30बहुत सुंदर शब्द संयोजन......बहुत सुंदर शब्द संयोजन...... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-63932932933793780662012-03-28T21:36:33.774+05:302012-03-28T21:36:33.774+05:30बड़े भाई साहब! मैं कोशिश कर रहा हूँ मगर एक शब्द फ़...बड़े भाई साहब! मैं कोशिश कर रहा हूँ मगर एक शब्द फ़िजा पर अटक गया हूँ। क्या आप मेरी मदद करेंगे? फ़िजा का अर्थ बतलायें तो बात बने:) वैसे बिना समझे मैने भी लिख तो दिया है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-66972214065713031422012-03-28T21:24:31.040+05:302012-03-28T21:24:31.040+05:30बहुत सुन्दर सजाया है मन के स्पष्ट भावों को..बहुत सुन्दर सजाया है मन के स्पष्ट भावों को..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-54071709622718427302012-03-28T21:21:32.417+05:302012-03-28T21:21:32.417+05:30छोटी बहर की बढ़िया गज़ल है जिसमे पाठकों के भी जोर ...छोटी बहर की बढ़िया गज़ल है जिसमे पाठकों के भी जोर आजमाइश का पूरा चांस है। कुछ लोग गज़ल छोड़ फोटू पर ही गुनगुनाने लगें तो अचरज नहीं। अल्लाह बचाये कदरदानों से:)वैसे इस गज़ल को पढ़कर यह लगा कि संतोष जी यह कहना चाह रहे हैं....<br /><br />मैं इस गज़ल में <br />जिंदगी जी गया हूँ।<br /><br />दुपट्टे की हवा कभी<br />गुज़री हुई फिज़ा हूँ!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-20811830779948084382012-03-28T21:04:28.044+05:302012-03-28T21:04:28.044+05:30अरे बाप रे! कहाँ फंस गये!! अभी.. जीवन है तीर्थ अपन...अरे बाप रे! कहाँ फंस गये!! अभी.. जीवन है तीर्थ अपना 'काशी' कभी 'गया' हूँ..का मजा ले रहा था कि अचानक से आपके गुरू गंभीर टीप के बोझ तले चिपिया गया हूँ..(:-(:-देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-66748839701438279072012-03-28T20:19:53.565+05:302012-03-28T20:19:53.565+05:30अब आइने से पूछो,
सूरत से भी ज़ुदा हूँ !
...बहुत ख...अब आइने से पूछो,<br />सूरत से भी ज़ुदा हूँ !<br /><br />...बहुत खूब! बेहतरीन गज़ल...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-38305007067676779592012-03-28T19:10:07.962+05:302012-03-28T19:10:07.962+05:30बढियां है ! आशा है देवेन्द्र जी इसका मूल्यांकन स्त...बढियां है ! आशा है देवेन्द्र जी इसका मूल्यांकन स्तर थोड़ा तो ऊपर करेगें -मैं कविताई के मामले में उनकी गुरुता मानता हूँ! <br />वे नैसर्गिक कवि हैं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-24372484968388239752012-03-28T15:13:38.107+05:302012-03-28T15:13:38.107+05:30gahan ..sunder abhivyakti ...!!gahan ..sunder abhivyakti ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-45980023993183446742012-03-28T14:48:11.811+05:302012-03-28T14:48:11.811+05:30सुन्दर आत्मनिरीक्षण .सुन्दर आत्मनिरीक्षण .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-16873395745963459362012-03-28T14:16:22.749+05:302012-03-28T14:16:22.749+05:30ज़ुल्फ़ के दुपट्टे में
फँसती हुई हवा हूँ ...
वह ब...ज़ुल्फ़ के दुपट्टे में<br />फँसती हुई हवा हूँ ...<br /><br />वह बहुत खूब ... छोटी बहर में कमाल किया है ... शब्द चित्र उतारा है केनवास पे ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-26256430304485027522012-03-28T13:55:29.911+05:302012-03-28T13:55:29.911+05:30माट्साब! अच्छा खींचा है अपना शब्द-चित्र!!
जीवन है ...माट्साब! अच्छा खींचा है अपना शब्द-चित्र!!<br /><b>जीवन है तीर्थ अपना,<br />'काशी' कभी 'गया'हूँ!</b>चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-74818019922534061062012-03-28T13:32:04.222+05:302012-03-28T13:32:04.222+05:30कभी सोचता हूँ,क्या हूँ,
इस भीड़ में नया हूँ
भीड़ ...<b>कभी सोचता हूँ,क्या हूँ,<br />इस भीड़ में नया हूँ </b><br /><br />भीड़ में कहां पता चलता है कौन नया कौन पुराना। भीड़ की जगह भाड़ तो नहीं है? :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-41643310915107360032012-03-28T12:16:00.656+05:302012-03-28T12:16:00.656+05:30अब आइने से पूछो,
सूरत से भी ज़ुदा हूँ !
आइना भीतर...अब आइने से पूछो,<br />सूरत से भी ज़ुदा हूँ !<br /><br />आइना भीतरी सूरत नहीं दिखाता....<br /><br />बहुत सुन्दर भाव.<br />सादर.ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com