tag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post3886091242241601057..comments2023-10-20T18:30:34.424+05:30Comments on बैसवारी baiswari: कइसे दिन फिरिहैं ?संतोष त्रिवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-17730099859898011942012-04-07T20:03:27.155+05:302012-04-07T20:03:27.155+05:30संतोष जी गायब तो बहुत कुछ है आप गाँव शायद बार बार ...संतोष जी गायब तो बहुत कुछ है आप गाँव शायद बार बार खोजने जाते हैAiharnamahttps://www.blogger.com/profile/07214741751447421426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-48914438296185612732012-04-02T19:03:42.847+05:302012-04-02T19:03:42.847+05:30चकाचक है!चकाचक है!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-44586686321558394172012-04-02T09:30:08.049+05:302012-04-02T09:30:08.049+05:30सबका बहुतै अभार !सबका बहुतै अभार !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-60710523191087492192012-04-02T08:48:09.364+05:302012-04-02T08:48:09.364+05:30विस्मृत हुये शब्दों को स्मृति पटल पर लाने के लिये ...विस्मृत हुये शब्दों को स्मृति पटल पर लाने के लिये आभार........<br />बचपन के गाँव के वो दिन याद दिला गये जो संभवतः हम <br />भूल चुके हैं।dinesh aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/18216221541613478194noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-74829126447449106682012-04-01T15:47:50.961+05:302012-04-01T15:47:50.961+05:30sasuraal udhar ka hai so mujhe to kuchh shabd sune...sasuraal udhar ka hai so mujhe to kuchh shabd sune hue lage....is bhasha ko kaafi kuchh seekhane samajhane ki khawahis hai par ab sasuraal bhi gaon se mahanagar aa gaya hai to...par achha laga padhana. Bhawna Kukretihttps://www.blogger.com/profile/01524665656092886448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-3110533392012108932012-04-01T12:37:53.284+05:302012-04-01T12:37:53.284+05:30बहुत खूब ... आज जब बड़ी बड़ी नदियाँ गायब हो रही है...बहुत खूब ... आज जब बड़ी बड़ी नदियाँ गायब हो रही हैं तो इन छोटी चीज़ों का क्या कहें ...<br />गुज़रे हुवे शब्दों की पुनः वापसी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-36873084025477268502012-04-01T12:21:56.228+05:302012-04-01T12:21:56.228+05:30सभी दोस्तों का आभार,यह प्यार न गायब हो बस्स्स्स !सभी दोस्तों का आभार,यह प्यार न गायब हो बस्स्स्स !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-30408965269999157542012-04-01T00:18:43.888+05:302012-04-01T00:18:43.888+05:30भाई साहब जिसने ठेठ ज़िन्दगी जी हो उन्हें ही ये शब्...भाई साहब जिसने ठेठ ज़िन्दगी जी हो उन्हें ही ये शब्द आत्मसात होते हैं।<br />(इनके अर्थ क्यों बताए आपने ... जिन्होंने ठेठ ज़िन्दगी नहीं जी उन्हें ढूंढ़ने देते)मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-890208824647964322012-03-31T23:21:58.216+05:302012-03-31T23:21:58.216+05:30भाई साहब आपने शब्दों से गायब स्मृति वापस ला दे है ...भाई साहब आपने शब्दों से गायब स्मृति वापस ला दे है ,बचपना याद करा दिया ,अपना गाव ,धुल भरे पाव ,सब कुछ तो ताजा कर दियाR D AWASTHIhttps://www.blogger.com/profile/15507701337480745272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-32757648450344551562012-03-31T16:42:32.819+05:302012-03-31T16:42:32.819+05:30बहुत बढ़िया ।
मैं तो ये सारे शब्द २५-३०
साल बाद...बहुत बढ़िया ।<br /><br />मैं तो ये सारे शब्द २५-३० <br />साल बाद सुन-पढ़ रहा हूँ ।<br /><br />आभार ।। <br /><br /><br />उधम मचाता जा रहा, दसों दिशा इन्सान ।<br />शोषण करे प्रकृति का, किस्मत मेहरबान । <br /><br /> <br />किस्मत मेहरबान, गधा बलवान कहाता ।<br /> विद्यमान शैतान, घमंडी धरा डुबाता ।<br /> <br />हो वैज्ञानिक खोज, करे गायब कस काया ।<br />धरा सहे न बोझ, स्वयं में रहे भुलाया ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-50905936498554397342012-03-31T13:51:53.085+05:302012-03-31T13:51:53.085+05:30कुछ कहने का साहस नहीं .....बेहतरीन प्रस्तुति संतोष...कुछ कहने का साहस नहीं .....बेहतरीन प्रस्तुति संतोष जीसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-27557298245851691272012-03-31T13:46:03.085+05:302012-03-31T13:46:03.085+05:30ओह , कितना कुछ और बचा था जो गायब हो गया है ...ओह , कितना कुछ और बचा था जो गायब हो गया है ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-68116952483505542882012-03-31T12:26:14.014+05:302012-03-31T12:26:14.014+05:30वाह पुरानी के ही समकक्ष और दमदार उतनी ही।वाह पुरानी के ही समकक्ष और दमदार उतनी ही।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-57005429840126622662012-03-31T10:33:45.501+05:302012-03-31T10:33:45.501+05:30मैं अपनी बिटिया के साथ यह खेल खेलता हूँ.. नेहाली, ...मैं अपनी बिटिया के साथ यह खेल खेलता हूँ.. नेहाली, ओटा, रौदा, गुम्साइन,हइन्सारे,भिनसारे, अन्हारा... मेरी पोस्टें पढ़ने में बहुत से लोगों को तकलीफ होती है, लेकिन हम त ऊहे बिहारी हैं, बदलने वाले नहीं!!<br />आपके शब्दकोष का भी जवाब नहीं!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-60722026063088225272012-03-31T10:18:24.238+05:302012-03-31T10:18:24.238+05:30भौजी संग ठिठोली गायब
बुआ चिढ़ाती हरदम, गायब ,
कब त...भौजी संग ठिठोली गायब<br />बुआ चिढ़ाती हरदम, गायब ,<br />कब तक मनई बचा रहत है<br />चिट्ठी,पान-सुपारी गायब !<br />वाह ! ! ! ! ! बहुत खूब संतोष जी <br />सुंदर रचना,बेहतरीन प्रस्तुति,....<br /><br /><br />MY RECENT POST <a href="http://dheerendra21.blogspot.in/2012/03/blog-post_29.html" rel="nofollow">...फुहार....: बस! काम इतना करें....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-4763571402002424102012-03-31T10:07:32.846+05:302012-03-31T10:07:32.846+05:30कोठी बंगला कार मिली तो
टी वी फ्रिज उपहार मिली तो ...कोठी बंगला कार मिली तो <br />टी वी फ्रिज उपहार मिली तो <br />खाते इडली डोसा,नूडल बरगर <br />जाते इण्डिया गेट को सैर पर <br />तंग करें ना चाचू बापू मैया <br />फिर काहे घबरावत भैया!:)डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-88848693989913144822012-03-31T09:18:12.548+05:302012-03-31T09:18:12.548+05:30संतोष जी, ऐसे नाही चलेगा
शब्दकोष भी चाहिए
इनके अर...संतोष जी, ऐसे नाही चलेगा<br />शब्दकोष भी चाहिए<br />इनके अर्थ कहां मिलेंगे<br />क्या अब आपकी क्लास में<br />एडमीशन लेना होगा<br />शब्दकोष दे दो तो<br />सबको फायदा होगा।<br /><br />कुछ तो समझ आते हैं<br />बाकी दिमाग के ऊपर से<br />तेजी से गुजर जाते हैं<br />हम अर्थ भी उनके नहीं<br />पकड़ पाते हैं<br /><br />परंतु जब इतने लोग <br />कर रहे हैं तारीफ तो<br />बर्फी तो मीठी ही होगी।नुक्कड़https://www.blogger.com/profile/00641159955741972638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-5913658125295050922012-03-31T08:14:53.838+05:302012-03-31T08:14:53.838+05:30दोनो मिलाकर एक ही कविता है। अच्छी और खुश कर देने व...दोनो मिलाकर एक ही कविता है। अच्छी और खुश कर देने वाली। ग्रामीण परिवेश से ये चीजें ही नहीं बल्कि शब्दकोष से ये शब्द भी गायब हो रहे हैं। यदि आप जैसे लोग इन शब्दों का प्रयोग ना करें तो देखते ही देखते ये शब्द भी गायब हो जायेंगे। गायब होती बूढ़ी सभ्यता को सहेजने के लिए भी इन आंचलिक शब्दावलियों का प्रयोग अनिवार्य है। इस दृष्टि से यह कविता भावनात्मक अपील करते हुए ह्रदय से जुड़ जाती है। <br />..बधाई।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-68766125427996622072012-03-31T08:06:14.948+05:302012-03-31T08:06:14.948+05:30अब खोजे से भी नहीं मिलने के.....
बस याद करो.....कव...अब खोजे से भी नहीं मिलने के.....<br />बस याद करो.....कविता लिखो....<br /><br />सुन्दर भाव.<br /><br />सादर.ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-87740718803802635012012-03-31T07:38:42.333+05:302012-03-31T07:38:42.333+05:30डुडुआ और कबड्डी गायब ,
बखरी और दलानौ गायब
ऊखे क ...डुडुआ और कबड्डी गायब ,<br />बखरी और दलानौ गायब <br />ऊखे क पेराई गायब ,<br />चिनगा और चिरई गायब <br />कितना कुछ चला गया <br />जीवन्तता को लेकर ...<br />यह अच्छी वाली रचना हैArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-27053461473884131702012-03-31T07:13:58.607+05:302012-03-31T07:13:58.607+05:30कब तक मनई बचा रहत है
चिट्ठी,पान-सुपारी गायब !
पीत...कब तक मनई बचा रहत है<br />चिट्ठी,पान-सुपारी गायब !<br /><br />पीतल का सरौता गायब ....<br />खींसा गायब ...<br />आप कि रचना तो बिलकुल पीछे ले गाई है ....धुंधलाते चेहरे साफ़ हो रहे हैं ....<br />शुभकामनायें ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.com