tag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post132467229734093050..comments2023-10-20T18:30:34.424+05:30Comments on बैसवारी baiswari: वर्षा गीत !संतोष त्रिवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-63602510500498544962017-11-29T13:57:08.401+05:302017-11-29T13:57:08.401+05:30वर्षों बाद वर्षा की कविता मैने शीतऋतु में पड़ी.. क...वर्षों बाद वर्षा की कविता मैने शीतऋतु में पड़ी.. कपायमान हो उठा.. बहुत सुंदर..राजेंद्र अवस्थी.https://www.blogger.com/profile/07787603885536719123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-31584774144159096282012-07-17T20:05:48.361+05:302012-07-17T20:05:48.361+05:30वर्षा ऋतु पर सरल शब्दों में लिखी एक अच्छी कवित...वर्षा ऋतु पर सरल शब्दों में लिखी एक अच्छी कविता.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-80615302822466085862012-07-16T22:01:53.229+05:302012-07-16T22:01:53.229+05:30बहुत ही सुंदर रचना संतोष जी।
सूरज की कठिन चुभन से...बहुत ही सुंदर रचना संतोष जी।<br /><br />सूरज की कठिन चुभन से<br />तन जब अग्नि समान हुआ,<br />मेघ-देव से जल-प्रसाद पा <br />शीतल,शांत महान हुआ ||<br /><br />शुभकामनाये।<br />प्रतीक संचेतीPrateek Sanchetihttps://www.blogger.com/profile/08236964148793075183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-11566518569166468622012-07-16T13:21:28.194+05:302012-07-16T13:21:28.194+05:30हे वर्षा-देवी ! स्वागत-स्वागत
सूखी धरती पर बार-बार...हे वर्षा-देवी ! स्वागत-स्वागत<br />सूखी धरती पर बार-बार,<br />तुम आईं ,जीवन आया<br />संग में आईं खुशियाँ हज़ार ||<br />अनुपम प्रस्तुति ... आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-79263655898882538922012-07-16T12:59:25.432+05:302012-07-16T12:59:25.432+05:30Man jhoom uthaa...
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ये है- प्रसन्न यंत...Man jhoom uthaa...<br />............<br /><b><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">ये है- प्रसन्न यंत्र!</a></b><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">बीमार कर देते हैं खूबसूरत चेहरे...</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-69614914200287573902012-07-16T05:33:10.430+05:302012-07-16T05:33:10.430+05:30सुंदर अभिव्यक्तिसुंदर अभिव्यक्तिरमा शर्मा, जापानhttps://www.blogger.com/profile/04986901192837546697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-26257702193184895332012-07-15T18:34:34.333+05:302012-07-15T18:34:34.333+05:30हे वर्षा-देवी ! स्वागत-स्वागत
सूखी धरती पर बार-बा...हे वर्षा-देवी ! स्वागत-स्वागत <br />सूखी धरती पर बार-बार,<br />तुम आईं ,जीवन आया <br />संग में आईं खुशियाँ हज़ार ||<br /><br /><br />बेहतरीन मनभावन प्रस्तुति.<br />पढकर सुखद अनुभव हुआ.<br /><br />आभार.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-52038850510821695852012-07-15T16:25:53.925+05:302012-07-15T16:25:53.925+05:30हे वर्षा-देवी ! स्वागत-स्वागत
सूखी धरती पर बार-बा...हे वर्षा-देवी ! स्वागत-स्वागत <br />सूखी धरती पर बार-बार,<br />तुम आईं ,जीवन आया <br />संग में आईं खुशियाँ हज़ार ||<br /><br /><br />वर्षा देवी का सुंदर स्वागत !!<br />बारिश का मौसम ही कुछ ऐसा है कि हर कोई स्वागत करने को तैयार रहता है .....शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-20345049666987480882012-07-15T15:13:22.280+05:302012-07-15T15:13:22.280+05:30सूरज की कठिन चुभन से
तन जब अग्नि समान हुआ,
मेघ-देव...सूरज की कठिन चुभन से<br />तन जब अग्नि समान हुआ,<br />मेघ-देव से जल-प्रसाद पा <br />शीतल,शांत महान हुआ ...<br /><br />बरखा का प्रताप ... अग्नि देवता भी प्रसन्न हो गए और अपनी चुभन कम कर गए .... <br />हर छंद मस्त बहार की तरह ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-80431396186444719092012-07-15T12:49:43.165+05:302012-07-15T12:49:43.165+05:30इस कविता के हरेक बंद पर कुछ ना कुछ लिखने का मन हो ...इस कविता के हरेक बंद पर कुछ ना कुछ लिखने का मन हो रहा है...<br /><br />(1)इसे पढ़कर पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में जून, 1990 में नये-नये पौधे रोपे गये थे।:)<br />(2)इसे पढ़कर ज्ञान हुआ कि वर्षा का प्रसाद पा कर व्यक्ति शीतल, शांत होने के साथ-साथ महान भी बन जाता है। आज से छाता लगाना बंद।:) <br />(3)यह तो मुझे भी लगता है। ऐसा ही होता होगा।<br />(4)वर्षा के बाद बसंत-बहार का मौसम आता है।<br />(5)अतिंम बंद बहुत अच्छा लगा।<br /> <br /> ....सुखद एहसास कराने के लिए धन्यवाद।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-3607317506322050252012-07-15T11:54:00.896+05:302012-07-15T11:54:00.896+05:30बहुत - बहुत सुन्दर सावनी रचना..
बेहतरीन है:-)बहुत - बहुत सुन्दर सावनी रचना..<br />बेहतरीन है:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-72238544463041569542012-07-15T06:51:36.789+05:302012-07-15T06:51:36.789+05:30वाह !!!!सुंदर वर्षा गीतवाह !!!!सुंदर वर्षा गीतसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-23452674156398177742012-07-14T20:07:47.196+05:302012-07-14T20:07:47.196+05:30वर्षा यहाँ, वर्षा वहाँ
भीगा हुआ सारा जहाँवर्षा यहाँ, वर्षा वहाँ<br />भीगा हुआ सारा जहाँSmart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-78253979177718958252012-07-14T18:31:51.397+05:302012-07-14T18:31:51.397+05:30यह पुरानी रचना हर वर्षा ऋतु में नवीन रंग देगी। सुं...यह पुरानी रचना हर वर्षा ऋतु में नवीन रंग देगी। सुंदर सरस गीत है..दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-8955698661427046042012-07-14T17:42:03.583+05:302012-07-14T17:42:03.583+05:30barso re megha.........:)
pyara sa geet:)barso re megha.........:)<br />pyara sa geet:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-19723536769014997782012-07-14T16:45:20.863+05:302012-07-14T16:45:20.863+05:30हृदय नम करती वर्षा की बूँदें, वाह..हृदय नम करती वर्षा की बूँदें, वाह..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-45885961888986105032012-07-14T14:49:57.104+05:302012-07-14T14:49:57.104+05:30पाबलाजी,ज़रा व्यस्त रहते हैं आजकल !पाबलाजी,ज़रा व्यस्त रहते हैं आजकल !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-42344092978111734812012-07-14T14:49:26.488+05:302012-07-14T14:49:26.488+05:30अली साब,उम्मीद है कि युवकाई के दिनों की कविता पढ़क...अली साब,उम्मीद है कि युवकाई के दिनों की कविता पढ़कर उबकाई नहीं आई होगी !<br /><br />...स्नेह के लिए विशेष आभार !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-65414286120132228262012-07-14T14:46:24.171+05:302012-07-14T14:46:24.171+05:30रविकर ने छोड़ दिया,है अचूक हथियार |
घायल रचना हो ग...रविकर ने छोड़ दिया,है अचूक हथियार |<br />घायल रचना हो गई,बारिश बंटाधार ||संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-67152331714382984642012-07-14T14:43:32.304+05:302012-07-14T14:43:32.304+05:30गुरूजी,नंदन और चम्पक वाले इत्ती आसानी से नहीं छापत...गुरूजी,नंदन और चम्पक वाले इत्ती आसानी से नहीं छापते.यह कविता तब मैंने स्थानीय अखबार में दी थी,पर शायद उन्हें हमारी 'प्रतिभा' का अहसास नहीं था.संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-61877457942512614362012-07-14T13:25:45.756+05:302012-07-14T13:25:45.756+05:30दल्ली राजहरा, छत्तीसगढ़, इसीलिए इतना सुंदर. (पाब...दल्ली राजहरा, छत्तीसगढ़, इसीलिए इतना सुंदर. (पाबला जी ध्यान दें.)Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-59967761407437773412012-07-14T13:02:10.415+05:302012-07-14T13:02:10.415+05:30बारिश की सोंधी खुशबू से आह्लादित रचनाबारिश की सोंधी खुशबू से आह्लादित रचनारश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-41019180575608120482012-07-14T11:17:51.645+05:302012-07-14T11:17:51.645+05:30सुंदर वर्षा गीत ....मिश्रा जी ने अच्छा सुझाव दिया...सुंदर वर्षा गीत ....मिश्रा जी ने अच्छा सुझाव दिया है ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-68073813859858259012012-07-14T08:27:35.448+05:302012-07-14T08:27:35.448+05:30ये तो मानना ही पड़ेगा कि छत्तीसगढ़ ने आपको प्रेरित...ये तो मानना ही पड़ेगा कि छत्तीसगढ़ ने आपको प्रेरित किया ! कविता ठीक है उसमें आपकी युवकाईके दिनों की झलक मिलती है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3648196938872431745.post-34139619608645425252012-07-14T00:13:00.895+05:302012-07-14T00:13:00.895+05:30फिलहाल तो इसको ब्लॉग बुलेटिन पर लिंक कर रहा हूँ .....फिलहाल तो इसको ब्लॉग बुलेटिन पर लिंक कर रहा हूँ ... ;-)<br /><br /><a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/07/blog-post_13.html" rel="nofollow">आपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है प्लस ३७५ कहीं माइनस न कर दे ... सावधान - ब्लॉग बुलेटिन के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद ! </a>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.com